छॉलीवुड फिल्म समीक्षा- माइक्रो आर्टिस्ट, चर्चित उपन्यास ‘चाय-कॉफी’ के लेखक भानुप्रताप कुंजाम ने क्या लिखा सुपरहिट हण्डा फिल्म पर…

छॉलीवुड फिल्म समीक्षा- माइक्रो आर्टिस्ट, चर्चित उपन्यास ‘चाय-कॉफी’ के लेखक भानुप्रताप कुंजाम ने क्या लिखा सुपरहिट हण्डा फिल्म पर…

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✍🏻”लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक– सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

 

छॉलीवुड फिल्म समीक्षा-
माइक्रो आर्टिस्ट, चर्चित उपन्यास ‘चाय-कॉफी’ के लेखक भानुप्रताप कुंजाम ने क्या लिखा सुपरहिट हण्डा फिल्म पर…

वैसे मैने कभी फिल्म पर समीक्षा लिखा नहीं फिर भी पहला प्रयास “हण्डा” पर कर रहा हूँ। शायद मुझे भी चित्रकोट के उस अंधेरी और विशाल हवेली पर सोने से भरा हण्डा मिल जाये। खैर, छॉलीवुड के इतिहास में कई नये कलाकारों ने कदम रखा, कभी कॉमेडी मूवी बनी, कभी पारिवारिक फिल्म बनी तो कभी समाज में व्याप्त बुराईयों पर प्रहार करने वाली फिल्म भी बनी (लेकिन ऐसे मूवी बहुत कम ही बनी) ।
सन् 1965 में श्वेत-श्याम पर्दे पर छत्तीसगढ़ी भाषा में बनी छत्तीसगढ़ की पहली फिल्म “कही देबे संदेश” “मनु नायक” जी ने लाया। जिसके निर्माता, निर्देशक और लेखक स्वयं मनु नायक जी थे। यह फिल्म आते ही तहलका मचा दी, समाज में व्यापक रुप से फैले जातिवाद पर कुठाराघात करने वाली फिल्म थी, इस फिल्म के संबंध में ये भी सुनने को आया था कि कई टॉकीज घरों को जला दिया गया था। खैर ये छॉलीवुड के इतिहास के आदि का दौर था समय बदलने के साथ कई रोचक फिल्में बनी।
अगर बात करें वर्तमान समय के सबसे हिट मूवी की तो हर तरफ “हण्डा” का माहौल है। “गुईयाँ” जैसे हिट फिल्म के निर्माता “मोहित साहू” जी कि फिल्म “हण्डा” जिसके “ये गोरी वो” गाना हर युवा के जबान चढ़ कर बोल रहा है।
इस फिल्म में कई नये प्रयोग किये गए हैं जिसे मैं रिस्क का प्रयोग कहना चाहूँगा। रिस्क का प्रयोग इसलिए कि कई सीन ऐसे हैं जो बेवजह से लगते हैं जो दर्शक को थोड़ा उदासीन बना देता है। एडिटिंग बहुत शानदार है, गीत संगीत की बात निराली है ओमी स्टाइलो ने बेहतर ढंग से गीतों को संगीत दिया है जो सुनील सोनी जी के आवाज में धूम मचा रही है।
स्टार कॉस्ट की बात करें तो अमलेश नागेश, अनिल सिन्हा, अमृता कुसवाहा, पप्पू चंद्राकर, जीतु दुलरवा, रूद्रा के साथ कई यूट्यूब के कलाकार दिखे। अमलेश नागेश जी खुद लेखक और निर्देशन कर रहे हैं। दो हिट फिल्म देने के बाद अमलेश नागेश जी खुद के निर्देशन में हण्डा मूवी बनाया। जो काबिल-ए-तारीफ है, पहला निर्देशन था तो कहीं-कहीं कमी रह गई जो स्वाभाविक है। समय के साथ उसमें सुधार होने की पूरी संभावना है। इस मूवी में कई मंझे हुए कलाकार हैं तो कई नये चेहरे हैं। छॉलीवुड के इतिहास में “हण्डा” सबसे अलग फिल्म है। प्रसंसनीय बात यह है कि इस फिल्म में नये चेहरों को शामिल किया गया है। यह सबसे कम दिनों में शूटिंग होने वाली फिल्म है। कई ऐसे किरदार तैयार किया गया है जो एकदम नया है, जो अंत तक सस्पेंस क्रियेट करता है कि ये लोग क्या करेंगे? ओमी स्टाइलो और उनके साथी बीच-बीच में आकर गुदगुदाते रहते हैं।
भैरा कका और फुफु का जलवा था, दोनों पहली बार बड़े पर्दे पर दिखे। मुझे फिल्म के नायक का पता नहीं चला, हालांकि अनिल और अन्नु की प्रेम कहानी चली लेकिन अनिल ने हिरो वाली किरदार नही निभाया। वो केवल अन्नु के पीछे रहा और लास्ट में बस एक रिस्क ये लिया कि उसने अन्नु को बचाया, क्या होता यदि ठाकुर को खाई में फेंक देता? लुटेरों से लड़ाई तो फुफु ने की थी। उसी समय अमलेश नागेश की एन्ट्री हुई उसके बाद वह कहाँ गया ये सस्पेंस ही रहा, शायद हण्डा-२ में दिखेंगे?
इस फिल्म की एक और बात गौर करने वाली है कि अमलेश नागेश जी गोड़़ समाज में जन्म लिया है। दुनिया की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाली जनजाति गोड़ है जिसकी बोली गोंडी है। इस फिल्म में गोंडी लिपि का प्रयोग किया गया है जो सभी गोड़ समाज के दर्शकों को गर्व करने पर मजबूर कर देती है।
बहुत कम दिनों में हण्डा ने कई रिकॉर्ड बनाये हैं तो कई रिकॉर्ड ब्रेक भी किये है। ऐसा माना जा रहा है कि “हण्डा” पहली फिल्म है जो छत्तीसगढ़ के बाहर भी देखे जा रहे हैं। एक साथ 70 से ज्यादा सिनेमा घरों में रिलीज़ होने वाली छत्तीसगढ़ की पहली फिल्म बनी है। अमलेश नागेश के ऑफिसियल यूट्यूब पर इसके गाने लगभग ढ़ाई करोड़ प्लस व्यू हासिल की है। इंस्टाग्राम पर तीन लाख से ज्यादा रील बनी है। जो छॉलीवुड की दुनिया में सुपर डुपर हिट है।
हालांकि हर कहानी के दो पहलु होते हैं इस कहानी के भी एक पहलु ऐसा है जो बेवजह से लगते हैं। हद से ज्यादा कॉमेडी, लड़ाई के सीन में भी कॉमेडी।
ओवरऑल मूवी हिट है। उम्मीद और विश्वास है आने वाले समय में बेहतर से बेहतर कहानी आयेंगे।
हण्डा की पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ।
बुढ़ादेव की कृपा आप सभी पर बनी रहे।
सादर सेवा जोहार…

भानुप्रताप कुंजाम
लेखक, माईक्रो आर्टिस्ट।
नगरी, धमतरी (छ.ग.)

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