शासकीय नवीन महाविद्यालय गोहरापदर में विश्व एड्स दिवस मनाया गया…

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✍🏻 “लोकहित 24 न्यूज एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक– सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

शासकीय नवीन महाविद्यालय गोहरापदर में विश्व एड्स दिवस मनाया गया…


गोहरापदर –:–शासकीय नवीन महाविद्यालय गोहरापदर में आज दिनांक 04/12/2024 प्राचार्य डॉ टी एस सोनवानी के निर्देशन व कार्यक्रम अधिकारी श्री सनत कुमार के मार्गदर्शन में रेड रिबन क्लब , यूथ रेड क्रॉस व एन. एस. एस. इकाई के संयुक्त तत्वाधान में विश्व एड्स दिवस का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मां सरस्वती की वंदना तथा मुख्य वक्ता व अतिथियों का स्वागत किया गया।

स्वागत कार्यक्रम के पश्चात आज के मुख्य वक्ता डॉ डिकेन्द्र धुर्वे द्वारा अपने व्याख्यान में एड्स जागरूकता सम्बंधी जानकारी देते हुए बताया गया कि एड्स एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) संक्रमण के बाद होती है। एचआईवी संक्रमण के पश्चात मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक संभव नहीं हो सका है। हालांकि एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) के प्रयोग में आने के बाद एड्स से मरने वालों की संख्या में कमी आई। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में एड्स की पहचान संभावित लक्षणों के दिखने के पश्चात ही हो पाती है। एचआईवी संक्रमण का अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति एड्स से भी पीड़ित हो। एड्स के लक्षण दिखने में 8 से 10 वर्ष तक का समय लग सकता है। एड्स की पुष्टि चिकित्सकों द्वारा जाँच के पश्चात ही की जा सकती है। एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कम कर देता है कि इसके बाद शरीर अन्य संक्रमणों से लड़ पाने में अक्षम हो जाता है। एड्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इतना दुष्प्रभावित कर देता है कि इस गंभीर बीमारी की रोकथाम या इसका उपचार करना आवश्यक हो जाता है।अवैध यौन संबंधों से बचना चाहिए, कॉन्डोम का इस्तेमाल करना चाहिए, उपयोग किए हुए सिरिंज का दोबारा किसी अन्य पर उपयोग नही करना चाहिए, नाई के द्वारा एक ब्लेड का इस्तेमाल केवल एक बार ही करना चाहिए। एड्स के संबंध में महाविद्यालय के स्वयंसेवक नीलकंठ सोरी, प्रियंका नायक, ओजस्वी सोनवानी, कविता सिन्हा व बिम्बाधर नागेश ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि एड्स विषाणु जनित एक लाइलाज रोग है, किन्तु उपचार या आंशिक चिकित्सा से कुछ जीवन अवधी बढायी जा सकती है। जिसके लिए संक्रमण के तुरन्त बाद ही उपचार कराना चाहिए। यह वायरस बॉडी फ्लुड जैसे- रक्त, स्पर्म, यौनस्त्राव, ऑर्गन ट्रांस्प्लांट के माध्यम से फैलता है , यह वायरस हाथ मिलाने या गले लगने या छींक से नही फैलता तथा दाता का एचआईवी टेस्ट कराना अनिवार्य होना चाहिए। एच आई वी एक रेट्रो वायरस है जिसका परीक्षण करने के लिए ELISA किट का उपयोग किया जाता है , आंशिक उपचार के रूप में संक्रमित व्यक्ति को ज्युडोविडिन(AZE) व डाई डीआक्सीनोसिन दिया जाता है तथा यह मेडिसिन बहुत ही महंगे होते है।
कार्यक्रम अधिकारी श्री सनत कुमार ने बताया कि एड्स का रोगकारक एचआईवी(विषाणु) होता है, यह हमारे रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर उसे कमजोर कर देता है। माना जाता है कि यह वायरस सर्वप्रथम अफ्रीका के एक खास प्रजाति के बंदरो में पाया जाता था, सबसे अधिक एड्स के शिकार होने की स्थिति में भारत तीसरे नंबर का देश है, जहां लगभग 3.50 करोड़ लोगों को यह बीमारी है, जिसमें से 88% युवा इसके चपेट में है, इसके संबंध में जागरूकता फैलानी चाहिए, अनैतिक व असुरक्षित यौन संबंध से बचना चाहिए, बिना शर्माए इस विषय पर खुलकर बात करना चाहिए।
इसी संबंध में एड्स जागरूकता सम्बंधी पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था जिसमें सभी स्वयंसेवको ने हिस्सा लिया। सबसे अच्छा पोस्टर बनाकर सानिया मिर्ज़ा (बी कॉम तृतीय) ने प्रथम स्थान, प्रीति प्रधान (बी कॉम प्रथम) ने द्वितीय स्थान तथा पुष्पराज मांझी (बी ए प्रथम) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कार्यक्रम अधिकारी ने छात्र-छात्राओं को एड्स जागरूकता शपथ दिलवाई तथा अतिथि व्याख्याता श्री पंकज तिवारी द्वारा कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ता , सभी अधिकारियों, कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं का आभार व्यक्त किया। उक्त कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक वाणिज्य श्री सनत कुमार, स्वास्थ्य केन्द्र झरगांव से एमबीबीएस डॉ डिकेन्द्र धुर्वे, तथा अतिथि व्याख्याता श्री पंकज तिवारी, श्री दुर्गेश कुमार त्रिपाठी, श्री ओमप्रकाश कश्यप, श्री गुलशन यदु, श्री अविनाश रजक, श्री देवदत्त घृतलहरे व कार्यालयीन कर्मचारी श्री फाल्गुन सिंह नागेश, श्री नवीन कुमार बघेल, श्री मनमोहन प्रधान, श्री गौरीशंकर ओटी व समस्त महाविद्यालयीन छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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