छत्तीसगढ़ का पारंपरिक फसल उत्सव छेरछेरा मनाया गया।

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✍🏻”लोकहित 24 न्यूज एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक– सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

छत्तीसगढ़ का पारंपरिक फसल उत्सव छेरछेरा मनाया गया।

 

छुरा, मुड़ागांव–:–जनवरी माह में मनाए जाने वाला त्यौहार छेरछेरा पुन्नी या छेरछेरा तिहार भी कहते हैं। इस दिन छोटे छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुर्जुग सियान सभी थैले कंवर लेके अपनी टोली बनाकर घर घर जाकर एक स्वर में छेरछेरा माईक कोठी के धान ला हेर हेरा कहकर अन्न का दान मांगते हैं। इस दिन किसान अपनी नई फसल का धान का दान करते हैं धान कटाई और मिसाई के बाद अपने घर संग्रह कर के रखे रहते हैं, और इस त्यौहार का इंतजार में रहते हैं। मान्यता है कि इस दिन दान करने से घरों में धन धान्य की कोई कमी नहीं होती। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता रेखराम ध्रुव, संजू दिवान, हेमंत, मोहर, राज, महारू दिवान, देवनाथ सभी ने घरों में जा जाकर अन्न का दान मांगा।

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