10 वर्षों से धर्मेंद्र 5 वर्षों से धनुष दोनों भाई मानसिक रोग से ग्रसित शासन-प्रशासन मौन जिम्मेदार है कौन

10 वर्षों से धर्मेंद्र 5 वर्षों से धनुष दोनों भाई मानसिक रोग से ग्रसित शासन-प्रशासन मौन जिम्मेदार है कौन

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✍️”लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” संपादक – विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

10 वर्षों से धर्मेंद्र 5 वर्षों से धनुष दोनों भाई मानसिक रोग से ग्रसित
शासन-प्रशासन मौन जिम्मेदार है कौन

 

छुरा-गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र छुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 10 किलोमीटर दूरी ग्राम पंचायत मडेली जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बाद भी मडेली के नयापारा में जीवन यापन कर रहे पीड़ित गरीब असहाय दयनीय स्थिति की जीवन जी रहे हैं। आदिवासी परिवार जिनकी सुध लेने नहीं पहुंच रहे हैं स्वास्थ्य विभाग ना ही शासन-प्रशासन जानकारी होते ही गरियाबंद जिले के इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी संरक्षक सदस्य समाजसेवी मनोज पटेल गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात किए। 3 वर्षों से बीमार बुजुर्ग हीरऊ राम ध्रुव ने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव को बताया कि मैं खुद परेशान हूं और मेरा बेटा धर्मेंद्र हुमन दोनो मानसिक रूप से कमजोर बीमार है। घर की स्थिति काफी दयनीय व टूटने की स्थिति में है। रोटी कपड़ा मकान के लिए तरस रहे हैं। रूपाबाई ने प्रेस वार्तालाप पर बताया कि हमारा 10 वर्ष का बेटा लक्ष्य कक्षा तीसरी में पढ़ाई कर रहे हैं जिनके लिए कॉपी किताब कलम कपड़े लेने तक पैसे नहीं फिर भी अपने परिवार के सभी सदस्यों को पालन पोषण करके जिंदा रख रही हुं अगर मुझे मेरे भाइयों द्वारा सहयोग नहीं मिल पाता तो मैं अपने परिवार शायद ही चला पाती क्योंकि शासन प्रशासन की नजर हम जैसे परिवार की ओर नहीं पढ़ रहा हम जैसे पीड़ितों पर नहीं पड़ रही है साथ ही 60 वर्षीय बुजुर्ग हीराऊ जी ने प्रेस वार्तालाप पर बताया कि मेरा एक बेटा धर्मेंद्र जिनका दिमागी हालत खराब होने से बहू ने भी उनका साथ छोड़ चले गई दूसरा बेटा धनुष उनकी पत्नी अपने मेहनत से अपने और पति साथ ही बच्चे की देखभाल परवरिश कर रही है सरकार की योजना तो आती है पर जिम्मेदार अधिकारी ये योजनाएं विशेष कमजोर परिवार की श्रेणी में आने वाले परिवारों की मदद करने का झूठा दावा करते रहे हैं बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की बड़ी-बड़ी दावे कागजों में ही नजर आता है क्योंकि हमारे परिवार की श्रेणी अति गरीब होने के बाद भी बदहाल जिंदगी जीने मजबूर है। हम आदिवासियों के साथ सरकार मदद करने का दिखावा बस कर रहे है। हम बाप बेटे की स्थिति इस हद तक खराब है कि कई बार आत्महत्या करने का मन बनने लगा है। वही इस परिवार को तत्काल मदद दिलाने समाजसेवी मनोज पटेल केंद्र व राज्य सरकार से गुहार लगाएं

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