राजगोंड समाज झरगांव के सदस्य श्री कांतिलाल पाथर ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर देश व प्रदेश के आदिवासी समाज एवं बंधु वर्ग एवं समस्त नागरिकों को दी हार्दिक शुभकामनाएं

राजगोंड समाज झरगांव के सदस्य श्री कांतिलाल पाथर ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर देश व प्रदेश के आदिवासी समाज एवं बंधु वर्ग एवं समस्त नागरिकों को दी हार्दिक शुभकामनाएं

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✍️ “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक- सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

राजगोंड समाज झरगांव के सदस्य श्री कांतिलाल पाथर ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर देश व प्रदेश के आदिवासी समाज एवं बंधु वर्ग एवं समस्त नागरिकों को दी हार्दिक शुभकामनाएं

 

विश्व आदिवासी दिवस आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए आज ही के दिन यानी 9 अगस्त को प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। पुरे विश्व में इस दिन इस दिवस को मनाने के लिए सबसे पहली बार शुरुआत सयुंक्त राज्य अमेरिका में 1994 में मनाया गया था।

पुरे विश्व में इस दिन एक साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार 1994 को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी वर्ष घोषित किया था। दुनियाभर में आदिवासी समुदाय की जनसंख्या लगभग 37 करोड़ है, जिसमें लगभग 5000 अलग–अलग आदिवासी समुदाय है और इनकी लगभग 7 हजार भाषाएं हैं।

झरगांव राजगोंड के सदस्य श्री कांतिलाल पाथर ने दी शुभकामनाएं

झरगांव राजगोंड के सदस्य श्री कांतिलाल पाथर ने विश्व आदिवासी दिवस (Tribal Day 2023) के अवसर पर देश और प्रदेश के आदिवासी समाज एवं समस्त नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ देश के उन प्रदेशों में शामिल है, जहां पर करीब 32 प्रतिशत आदिवासी निवासरत हैं, जो अनेकों परम्पराओं को संजोए हुए हैं। इनकी संस्कृति और परम्पराएं अनूठी है। आदिवासी समाज ने नदी, नाले, तालाबों, झरनों, पर्वतों, शिखरों, गुफा, कंदराओं, लता, वृक्ष, पशु-पक्षी में भी देवशक्तियों को अवतरित कर उनके प्रति आदर भाव प्रदर्शित किया है। ऐसे भावों के कारण ही आदिवासी समाज सहज रूप से समृद्ध हुआ है।

श्री कांतिलाल पाथर ने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के लोग सदैव प्राचीन समय से संस्कृति-परंपराओं एवं प्रकृति के संरक्षक रहे हैं। इतिहास गवाह है कि समय आने पर वे देश की रक्षा के लिए आक्रमणकारियों के खिलाफ उठ खड़े हुए और बलिदान भी दिया। इस समाज में बिरसा मुण्डा, वीर नारायण सिंह, गुंडाधुर, रानी दुर्गावती, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, बादल भोई, टंटया भील जैसे महान लोग अवतरित हुए हैं, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति दे दी। इस अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं।

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