पानी बरसता की कमी से किसानों के कृषि कार्य क्षेत्र खेत खलिहान हुआ प्रभावित

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✍️ “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक – सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

पानी बरसता की कमी से किसानों के कृषि कार्य क्षेत्र खेत खलिहान हुआ प्रभावित

देवभोग – विश्व के अन्नदाता किसानों ने अपने खेतों में पानी नहीं होने से बड़ी चिंता सताए जा रही हैं। चुकी इस साल अल्प बारिश हुई हैं और अच्छी तरह से किसानों के खेतों में पानी भरा नहीं है। जिसके चलते आज किसान हैं, अपने खेतों में धान की रोपाई,ब्यासी नहीं कर पाए हैं। छोटे बूंद से पानी बारिश तो हों रहीं हैं। लेकिन इस तरह का पानी बारिश होना किसान के खेतों में नहीं के बराबर हों रहा हैं।तेल नदी पार छत्तीस गांव के प्रत्येक गांव में यह देखने को मिलेगी लगभग 30% किसानों के खेतों में धान का रोपाई व ब्यासी नहीं हो पाई है। 36 गांवों के ग्रामीण किसानों का कहना है कि पिछले साल हमारे खेतों में धान का रोपाई व ब्यासी का काम पूरी हो चुकी थी।
सभी किसान के खेतों में जल की पूर्ती पर्याप्त मात्रा में थीं। परंतु इस साल अपने खेतों में पानी कमी की बजह से रोपाई व ब्यासी ठीक ढंग से नहीं हों पाई है। इस साल अल्प बारिश हो रही हैं। इस लिए नदी, नाला, तालाब कुंआ व डैम में जल का आवृत्ति रेंज कम बताया जा रहा हैं। यदि किसान नहर जल प्लावन से अपने खेतों तक पहुंचाने में मदद मिलती हैं । लेकिन ऐसे किसानों को लाभ मिल सकती हैं जो किसान के जमीन नहर से जल प्लावन हेतु सुविधाएं हों , अभी धान के खेतों में घास की खिंचाई , निजाई करने का वक्त आ गया है। उसके बाद एक बार पुनः खाद डाल कर खेत का पानी क्यारी बांध कर रोक कर रखा जाता हैं। लेकिन अभी तक किसानों का न रोपाई ठीक ढंग से हों पाई है। और न ही ब्यासी का काम पूरा हो चुका हैं। किसान अपने खेतों में जाते हुए, किसी पेड़ के नीचे बैठ कर अपने आंखों में आसूं बहा कर मन ही मन रोयें जा रहें हैं, हृदय फटा जा रहा हैं।
सभी किसान बैंकों से ऋण ले कर उसी पैसों को कृषि कार्य में खर्च कर लिया है। और यदि इस साल हम सभी किसानों के खेतों में अल्प बारिश होने के बजह से धान की फसल अच्छी होने की संभावना कम दिखाई दे रही हैं।
खेतों में पानी नहीं होने से रोपाई व ब्यासी का समय निकल चुका हैं। और वर्षा ऋतु चक्र भी अब कुछ ही दिनों में परिवर्तन होने जा रहा हैं। खेतों में धान फसल की पैदावार के लिए मुश्किलें आ सकतीं हैं। बड़ी सोच रखने वाले किसान , आज उनके चेहरे में दुःखीत नजरें दिखाई दे रही हैं।जिस प्रकार गुलाब का फूल तेज़ धूप के बजह से मुर्झाया हुआ दिखाई पड़ता हैं।उसी तरह किसान के चेहरे भी मुरझाईं हुई दिखाई दे रही है।

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