त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा ने मनाया हिंदी दिवस।

त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा ने मनाया हिंदी दिवस।

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संवाददाता हेमचंद नागेश कि रिपोर्ट

 

नवापारा राजिम अञ्चल के सक्रिय साहित्यिक संस्था त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा पं. क्र. 25298 जिला गरियाबंद ने हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्यिक संगोष्ठी एवम कवि सम्मेलन का कार्यक्रम यादव धर्मशाला राजिम में किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मोहनलाल मानिकपन भावुक राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक थे,जबकि अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार केवरा यदु मीरा ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदे के तैलचित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। युवा हस्ताक्षर के रूप में कवि तुषार शर्मा नादान ने माँ शारदे की भक्तिमयी वन्दना प्रस्तुत किया। इसके पश्चात समिति के वरिष्ठ साहित्यकार मोहनलाल मानिकपन ने हिंदी की दशा एवम दिशा पर पर चर्चा करते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास सुर कबीर रहीम कवि ने जिस हिंदी भाषा पर रचना सृजन करके अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को सतत रूप से मार्गदर्शन किया है वह राष्ट्र भाषा हिंदी आज उपेक्षित है|इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कवि श्रवण कुमार साहू प्रखर ने कहा कि हिंदी का सम्मान करना एवम अखिल विश्व में प्रचार प्रसार करना साहित्यकारो का प्रथम कर्तव्य है क्योँकि हिंदी हिंदुस्तान की भाषा है यह जन जन की आशा है। मंच को संबोधित करते हुए मानस जिज्ञासु कवि युगल किशोर साहू ने कहा कि हिंदी विश्व की सर्वश्रेष्ठ भाषा में से एक है जिसके समान आज तक कोई दूसरा नहीं हुआ।समिति के उपाध्यक्ष किशोर निर्मलकर ने हिंदी भाषा के प्रति लोगों की हीन भावना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हिंदी भारत माँ के माथे की बिंदी हैं इसका सम्मान बेहद जरूरी है|इस अवसर पर किशोर निर्मलकर मकसूदन साहू बरीवाला नरेंद्र पार्थ कोमल सिंह साहू, भारत प्रभु रोहित माधुर्य छग्गु अडिल रामेश्वर रंगीला केवरा यदु प्रिया देवांगन भारत प्रभु संतोष प्रकृति रमेश सोनसायटि ने अपनी अपनी उत्कृष्ट रचनाओं के माध्यम से हिंदी के मान सम्मान अस्तित्व को रेखांकित् करते हुए हास्य व्यंग्य एवम ओज से परिपूर्ण कविता पढ़कर वातावरण को देशभक्ति पूर्ण माहौल से परिपूर्ण कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केवरा यदु, मीरा ने कहा कि साहित्यकार हमेशा समाज का सर्जक होता है साहित्य को समाज में स्थापित करने का दायित्व साहित्यकारों के उपर होता है|मंच संचालन किशोर निर्मलकर ने किया|आभार प्रदर्शन युवा कवि प्रिया देवांगन प्रियु ने किया।

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