उदन्ती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पक्षी शिकारियों के Hide-out को एन्टीपोचिंग टीम ने किया ध्वस्त,शिकारी फरार।

उदन्ती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पक्षी शिकारियों के Hide-out को एन्टीपोचिंग टीम ने किया ध्वस्त,शिकारी फरार।

इन्हे भी जरूर देखे

✍🏻 “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” संवाददाता– टेलू राम कश्यप की रिपोर्ट मैनपुर गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

उदन्ती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पक्षी शिकारियों के Hide-out को एन्टीपोचिंग टीम ने किया ध्वस्त,शिकारी फरार।

गरियाबंद–:-उदन्ती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पक्षी शिकारियों के विरुद्ध किया गया कार्यवाही शिकारियों द्वारा गर्मी के मौसम में सुख रहे जल स्रोतों का उठाया जाता है

फायदा उदन्ती सीतानदी टाइगर रिजर्व के रिसगांव(कोर) परिक्षेत्र ओड़िशा सीमा के समीप पश्चिम जोरातराई बीट अंतर्गत सोंढूर नाले का औचक निरीक्षण के दौरान एक शिकारी को पेट्रोलिंग में निकले एन्टीपोचिंग दल-(उप-निदेशक वरुण जैन,परिक्षेत्र अधिकारी चन्द्रबली ध्रुव,परिक्षेत्र सहायक रिसगांव महेन्द्र चौहान एवं दो पेट्रोलिंग श्रमिक) द्वारा (intercept)किया गया।


जोकि खरपतवार से निर्मित Hide-out(छुपकर तीर,गुलेल मारने,एवं जाल बिछाने वाले जगह) में बैठकर जाल बिछाकर पक्षियों की शिकार कर रहा था दल को देखकर शिकारी मौके पर से घने जंगल की ओर भागकर फरार हो गया है जिसकी पता-साजी की जा रही है।

 


मौके से दो हरियल पक्षियों (yellow footed green pigeon)को रेस्क्यू किया गया‌,पक्षियों को पकड़ने के लिए बनाये गए फंदा को भी जप्त किया,एवं (Hide-out) को नष्ट किया गया।

 


धूपकाल में अधिकांश जल स्रोत सूख जाते हैं,तब शिकारियों द्वारा बचे हुए जल स्रोतों पर,घात लगाकर पक्षी एवं जंगली जीव-जंतुओं का शिकार खेला जाता है।
ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए जल स्रोतों की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग स्क्वाड को निर्देशित किया है ताकि शिकारियों को मौके से ही (intercept)किया जा सके एवं (Hide-out)को नष्ट किया जा सके।

मध्यप्रदेश के एन्टीपोचिंग एक्सपर्ट ने बताया है कि शिकारियों द्वारा शिकार के लिए क्या-क्या तरीके अपनाए जाते हैं।
जब दो हरियल पक्षियों को रेस्क्यू किया तब उनमें से एक पक्षी के आंख के अंदर वाली खाल को ऊपर लाकर (temporarily)अंधा बना दिया गया था एवं उसके एक पंख भी आधा काट दिया गया था और उसके पैर,पंख भी बांध दी गई थी।जो पेट्रोलिंग दल ने समझने की कोशिश की कि,ऐसा क्यों किया गया होगा।
जब एन्टीपोचिंग एक्सपर्ट से विडियो शेयर किया गया तब उन्होंने बताया कि अन्य पक्षियों को आकर्षित करने के लिए ऐसा किया जाता है।
ताकि एक बार में ही आधा से ज्यादा पक्षी कैद हो सके।
इन पक्षियों का ज्यादातर उपयोग खाने के लिए किया जाता है।

टाइगर रिजर्व/अभ्यारण क्षेत्रों में पक्षियों का शिकार खेलने वालों पर एवं अनाधिकृत प्रदेश पर कम से कम तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है और यह एक गैर जमानती अपराध है।
ग्रीष्म ऋतु के समय टाइगर रिजर्व में (trespassers) पर तत्काल कार्यवाही करने की निर्देश दिए गए हैं।

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

इन्हे भी जरूर देखे

Must Read