5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर कृषि विभाग ने भूमि पुनरूद्धार की थीम पर मनाने का निर्णय लिया

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर कृषि विभाग ने भूमि पुनरूद्धार की थीम पर मनाने का निर्णय लिया

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✍🏻”लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” जिला ब्यूरो चीफ –चरण सिंह क्षेत्रपाल की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर कृषि विभाग ने भूमि पुनरूद्धार की थीम पर मनाने का निर्णय लिया

 

गरियाबंद –:-आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस समारोह कार्यक्रम विश्व के अधिक देशों में मनाया जा रहा है। जिससे देखकर गरियाबंद जिले के विकास खण्ड देवभोग क्षेत्र में भी भूमि संसाधन विभाग भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्दोशानुसार विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2024 को भूमि पुनरूद्धार की थीम पर मनाने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत संचालित परियोजना पीएम कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में संचालित परियोजना अधिकारी नरसिंह ध्रुव व जनपद पंचायत देवभोग मुख्य कार्यपालन अधिकारी रवि सोनवानी तथा उपसंचालक कृषि चंदन कुमार राय के मार्गदर्शन में जलग्रहण समिति ग्राम पंचायत – झाखरपारा, निष्ठीगुडा़,सुपेबेडा़,खोखसरा में पर्यावरण संरक्षण व वृक्षारोपण के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए साथ में वरिष्ठ लोगों को वृक्षारोपण कराया गया। उसके पश्चात सामुहिक रूप से विभिन्न वृक्षों का रोपण किया गया। इस बीच उपस्थित मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रवि सोनवानी जी के द्वारा पर्यावरण को स्वच्छ रखने में एक एक करके सभी जानकारियां लोगों को बताते हुए कहा कि 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस हमारे धरती की सुरक्षा के लिए मनाया जाता है। देश ओर दुनिया में सबसे ज्यादा प्लास्टिक,माइक्रोप्लास्टिक, प्रदूषण हवा, जलवायु में बदलाव और हानिकारक विकिरण में लगातार वृद्धि के साथ अब पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में सोचना जरूरी हो गया है।

पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य –
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का तात्पर्य यह है कि शहरों की तुलना में अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी कूड़े कच्चरें व झिल्लियों को सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी करने सुखे व कच्चे कच्चरें को फेंकना अब शुरू हो गया है। जिससे देखकर गांव गांव में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य से लोगों को ध्यान केन्द्रित करना, पर्यावरण पर्यावरण में दिन व प्रतिदिन जो क्षति हो रही है।उसे रोकने के लिए जागरूक करना। शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण से संबंधित होने वाला दुष्प्रभाव समुद्री प्रदूषण, जनसंख्या,, ग्लोबल वार्मिग जैसे मुद्दों पर लोगों को जागरूक करना है। हमें कूड़ा कच्चरा व झिल्लियों को सही कूड़े दान में डालना चाहिए। ताकि कूड़े का उचित निपटान ओर अपशिष्ट प्रबंधन हों सकें। हमें प्राकृतिक संसाधनों और आवास के संरक्षण के लिए सही दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है ‌। कुछ तरीके जिनसे हम इसे प्राप्त कर सकते हैं।वे नवीनीकरण ऊर्जा का उपयोग करना प्लास्टिक की थैलियों से बचना, अधिक पेड़ लगाना आदि।
पर्यावरण को कैसे बचाव किया जा सकता है-
अपने घरों से निकलने वाला प्रदूषित जल को साफ करने के लिए प्लाट लगानि चाहिए। फैक्टिरियों और कारखानों को नदियों से दूर कर देना चाहिए। सौर ऊर्जा का बढ़ावा देना चाहिए।वन संरक्षण व वृक्षारोपण को सर्वाधिक प्राथमिकता देनी चाहिए। पर्यावरण एक संपूर्ण या एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र में विशेष रूप से मानव गति विधि से प्रभावित दुनिया है। पृथ्वी पर सभी भौतिक परिवेश को पर्यावरण कहा जाता है। पर्यावरण में सब कुछ सजीव ओर निर्जीव शामिल हैं।लोग, जानवर, पेड़ पौधे ओर अन्य सभी जीवित प्राणी जीवित रहने के लिए पर्यावरण के निर्जीव भागों पर निर्भर है।

पर्यावरण का परिदृश्य व भौगोलिक मानचित्र –

पर्यावरण कैसे बनती है जैसे कि हमारे बाह्य अतः अभिक्रियाएं है जलवायु, स्वच्छता, प्रदूषण, तथा वृक्ष का सभी को मिलाकर बनता है। ओर ये सभी चीजें अर्थात पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है। और उसे प्रभावित करता है। मनुष्य ओर पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है। आज विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए देश और दुनिया में राष्ट्रीय पर्व मनाए जाने जैसे ही मनाया जा रहा है। इस लिए कहा गया है कि जल ही जीवन है।जल है तो कल है। ओर जल को लाने का काम हमारे प्रकृति के पेड़ पौधे ही जल लाने का महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इस लिए सभी व्यक्ति अपने घरों, खेतों में अवश्य ही वृक्षारोपण करें, और विश्व कल्याण जग धारा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने में तथ्यों भाग्य बने। चुकी जग भलाई में ही हमारी भलाई है, हम इस जग के अंदर सदस्य की तरह रहते हैं।
आज पर्यावरण दिवस समारोह कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ग्राम जल संग्रहण समिति अध्यक्ष उपस्थित थे – सनत कुमार मांझी झाखरपारा, कृष्णा कुमार चुरपाल खोखसरा,टिकम सोनवानी निष्टीगुडा़ , चंद्रकला मसरा सुपेबेडा जिसमें वाटर शेड के अधिकारी व कर्मचारी गांव के जागरूक महिला, पुरुष, बुजुर्ग व साथ में गणमान्य नागरिकों का विशेष सहयोग रहा है।

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