सरकार बदली नेता बदले लेकिन नदी पार 36 गांव के लोगों की समस्या पर कोई सुधार नहीं… बीते 20 वर्षों से नदी पार 36 गांव के लोगों को बेलाट नाला में पुल का इंतजार..

सरकार बदली नेता बदले लेकिन नदी पार 36 गांव के लोगों की समस्या पर कोई सुधार नहीं… बीते 20 वर्षों से नदी पार 36 गांव के लोगों को बेलाट नाला में पुल का इंतजार..

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✍🏻”लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक –सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

सरकार बदली नेता बदले लेकिन नदी पार 36 गांव के लोगों की समस्या पर कोई सुधार नहीं…

बीते 20 वर्षों से नदी पार 36 गांव के लोगों को बेलाट नाला में पुल का इंतजार..

देवभोग–:–सरकार बदली नेता बदले लेकिन नदी पार 36 गांव के लोगों की समस्या का समाधान बीते 20 वर्षों से नहीं हो पा रहा है। यहां कई नेता राजनेता अपनी बड़ी-बड़ी बातें कह कर निकल गए चाहे बीजेपी के हो या कांग्रेस का लेकिन इनका घोषणा घोषणा बनकर ही किसी कोंटे पर पड़ी रही ।हम बात कर रहे हैं नदी पार छत्तीसगांव को देवभोग मुख्यालय से जोड़ने वाली बेलाट नाला की जो आज तक पुल का इंतजार कर रहा है ।और अब तक इन 36 गांव के लोगों का समस्या का मुख्य कारण बना हुआ है।
बीते 15 साल बीजेपी की सरकार और विधायक भी थे लेकिन इनकी घोषणा और बातें केवल कागजे व उनके जुबान तक हि रहकर सिमट गई। लेकिन इस नाला में पुल बनाने में पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुए। बता दे यह 36 गांव को बीजेपी अपना गड़ मानती है और उन्हें अच्छा खासा हर चुनाव में बढ़त मिलती है ।लेकिन बीजेपी इन छत्तीसग गांव की समस्याओं को कभी समझ नहीं पाई अब तक हमेशा इस क्षेत्र के भोले भाले ग्रामीणों को ठगने का कार्य किया।
लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार भी कहीं पीछे नहीं रहीं सरकार के कई नेता व राजनेता भी इस नाला में खड़े होकर फोटोशूट कर वाहवाही लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी और लोगों को आश्वासन दिए लेकिन उनके आश्वासन भी धूल मिट्टी की तरह बह कर रह गई और बड़ी-बड़ी घोषणा केवल दफ्तर में ही सीमित रह गई और लोगों के दिलों को छलनी छलनी कर दिए । वर्तमान विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टी के विधायक प्रतिनिधियों का बैलाट नाला मुख्य मुद्दा था लेकिन सरकार व विधायक बने आठ माह से ज्यादा होने को है लेकिन इस बेलाट नाला की बातें उनके कानों तक भी नहीं पहुंच पा रही है यह सोचने वाली विषय बनकर रह गई है।
बता दे रोज इस नाले से हजारों लोगों की आवागमन होती है अपनी रोजमर्रा जिंदगी हो या स्कूली बच्चे हो या सरकारी दफ्तरों के कर्मचारी सब की आना-जाना इसी नाले से गुजर कर होती है ।लेकिन बरसात में रफ्टा के ऊपर पानी होने के कारण आवागमन में पुरी तरह से पूर्ण विराम लग जाता है।
अब देखना यह होगा कि इस क्षेत्र के नेता राजनेता बस फोटो खिंचवाकर लोगों का वाहवाही लूटना चाहेगी या क्षेत्र की समस्या या नदी पार 36 गांव के लोगों की सबसे बड़ी मूल समस्या बेलाट नाला में पुल बन पाएगी या ये फोटो तक हि सीमित रह पाएंगे यह गंभीर विषय इस क्षेत्र का बना हुआ है।

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