शिव जी को चढ़ाने बेल-वृक्ष से तोड़ते मिला चार पत्ते वाली बेलपत्र

शिव जी को चढ़ाने बेल-वृक्ष से तोड़ते मिला चार पत्ते वाली बेलपत्र

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✍🏻”लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” संवाददाता– चरण सिंह क्षेत्रपाल की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

शिव जी को चढ़ाने बेल-वृक्ष से तोड़ते मिला चार पत्ते वाली बेलपत्र

देवभोग –:–प्रकृति द्वारा निर्मित बहुमूल्य अनमोल धरोहर प्राकृतिक वनस्पति पेड़ पौधे,फल फूल वृक्ष की पत्तियां अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य में उपयोग किया जाता है। हमारे सनातन हिन्दू धर्म में ब्रह्मांड में विचरण के आधार पर अनेक देवी देवताओं को फल फूल पत्तियां समर्पित किया जाता है। हमारे हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा शिव जी की भक्ति पूजा आराधना किया जाता है। शिव जी को पूजा आराधना में बेलपत्र,दूध दही घी शहद और फल फूल चढ़ाएं जाते हैं।जब भी यह देखा गया है ,कि तीन पत्ते वाली बेलपत्र शिव जी चढ़ाते हुए देखा गया है। लेकिन बीते सोमवार को जब शिव जी को बेल पत्र चढ़ाने के लिए बेलपत्ता तोड़ कर शिव जी को चढ़ाते वक्त अचानक नजर में यह देखा गया कि चार पत्ते वाली बेलपत्र दिखाई दिया तो उसे तुरंत भगवान शिव जी को समर्पित किया गया। विद्वानों द्वारा बताई गई जानकारी के मुताबिक चार पत्ती वाली बेलपत्र जिस किसी सज्जन को मिलें तो बहुत ही शुभ माना जाता है। चूंकि चार पत्तियों में शिव जी के परिवार का प्रतीक माना गया है, चार पत्ती वाली बेलपत्र अर्थात भगवान शिव जी, मां पार्वती, भगवान गणेश,व भगवान कार्तिकेय चार पत्नियां का मिलना शिव परिवारों का शुभ दर्शन देने का संकेत माना जाता है। दूसरी बात तो यह है कि चार पत्ते वाली बेलपत्र को आयुर्वेद औषधि के नुस्खे में भी उपयोग किया जाता है। चूंकि हमारे देश में प्राकृतिक रसोधति वनस्पति फल,फूल जड़,तना व पत्तियां इत्यादि इन सभी को जंगलों वनों से एकत्रित कर अनेक रोगों, बीमारियों का इलाज कर ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक दवा तैयार किया जाता है।

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