आईएसबीएम विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया एलुमिनी मीट-2025

आईएसबीएम विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया एलुमिनी मीट-2025

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✍🏻”लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक– सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

आईएसबीएम विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया एलुमिनी मीट-2025

छुरा/गिधनी–:·आईएसबीएम विश्वविद्यालय, गरियाबंद में बुधवार को एलुमिनी मीट-2025 का आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में उत्साह और आत्मीयता के वातावरण में संपन्न हुआ।सम्मेलन में विभिन्न सत्रों में उत्तीर्ण विश्वविद्यालय के पुराने छात्रों ने भाग लिया और अपने अनुभवों को साझा किया। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. एन. कुमार. स्वामी ने कहा कि जब हम छात्र होते हैं तब तक पढ़ने के दौरान की गई गतिविधियों का महत्व समझ में नहीं आता, लेकिन जैसे ही हम संस्थान से दूर होते हैं उसका महत्व समझ में आने लगता है। आईएसबीएम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हमारी सबसे बड़ी ताकत और हमारे विश्वविद्यालय के ब्रांड एंबेसडर हैं। उनका जुड़ाव हमारी पहचान को मजबूत करता है।
स्वागत वक्तव्य देते हुए छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ शुभाशीष बिस्वास ने कहा कि पूर्व छात्रों की उपलब्धियाँ हमें प्रेरणा देती हैं और वर्तमान छात्रों के लिए एक दिशा भी तय करती हैं। यह सम्मेलन न केवल पुराने दोस्तों से मिलवाने का कार्य करता है बल्कि कई पेशेवर अवसरों के नए द्वार भी खोलता है।
पूर्व छात्र गुलशन यादव ने छात्र जीवन की यादों को साझा करते हुए कहा कि अलग अलग जगहों और संस्कृतियों से आने वाले लोगों के साथ मिलकर पढ़ाई करना, इंटर्नशिप करना नया अनुभव होता है। एनएसएस इकाई के साथ मिलकर कुछ सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी अपनी इच्छा जाहिर की।इस क्रम में पूर्व छात्र प्रतीक सिन्हा ने लीगल ऐड पर विश्वविद्यालय के एनएसएस इकाई के साथ मिलकर आसपास गाँव में अगले दो तीन महीनों में जागरूकता पहल चलाने की बात कही।
विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ पी. विश्वनाथन ने पूर्व छात्रों के सम्मेलन का महत्व एवं संगठन पर अपना संबोधन दिया।
विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ पूनम वर्मा ने कहा कि पुराने छात्र किसी वृक्ष के जड़ की तरह होते हैं। किसी वृक्ष की ऊंचाई इस बात पर निर्भर होती हैं कि उसकी जड़े कितनी मजबूत और ज़मीन में कितनी गहरी धंसी हुई हैं।
कला एवं मानविकी संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ दिवाकर तिवारी ने कहा कि कोई भी विश्वविद्यालय केवल इमारतों और काग़ज़ों पर छपे प्रमाणपत्रों से नहीं पहचाना जाता, बल्कि अपने छात्रों की उपलब्धियों, उनके सोचने और काम करने के तरीक़े, तथा जीवन और समाज के प्रति उनकी बुनियादी समझ से पहचाना जाता है। पूर्व छात्र हमारे गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य के सेतु हैं।आप जैसा होंगे वैसी ही विश्वविद्यालय की संस्कृति विकसित होगी।फार्मेसी एवं एलाइड साइंस के विभागाध्यक्ष श्री युगलकिशोर राजपूत ने एलुमिनी एसोसिएशन के बारे में जानकारी दी।उन्होंने एलुमिनी सदस्यों के साथ होने वाले विभिन्न बैठकों तथा उनके संगठन के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।
इस सम्मेलन में विभिन्न सत्रों में उत्तीर्ण बहुत सारे छात्रों ने भाग लिया।

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