व्यास पूजा / गुरु पूजन समारोह सम्पन्न: शिक्षा के दीपस्तंभों को किया गया सम्मानित

व्यास पूजा / गुरु पूजन समारोह सम्पन्न: शिक्षा के दीपस्तंभों को किया गया सम्मानित

इन्हे भी जरूर देखे

✍🏻”लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक– सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

व्यास पूजा / गुरु पूजन समारोह सम्पन्न: शिक्षा के दीपस्तंभों को किया गया सम्मानित

स्थान: शासकीय नवीन महाविद्यालय, गोहरापदर, जिला–गरियाबंद (छ.ग.)
दिनांक: 30 जुलाई 2025, बुधवार
आयोजक: राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई (NSS)

गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में शासकीय नवीन महाविद्यालय, गोहरापदर में “व्यास पूजा / गुरु पूजन” का आयोजन श्रद्धा, सम्मान और गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ।


कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉ. टी. एस. सोनवानी के निर्देशन व कार्यक्रम अधिकारी श्री सनत कुमार के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें आसपास के प्राथमिक शालाओं के शिक्षकों एवं सेवानिवृत्त गुरुजनों को आमंत्रित कर श्रीफल, मोमेंटो एवं पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना, महर्षि वेदव्यास एवं स्वामी विवेकानंद जी की पूजा-अर्चना से किया गया, जिससे वातावरण ज्ञान, भक्ति और प्रेरणा की त्रिवेणी में परिवर्तित हो गया।
मंच संचालन और प्रेरक प्रस्तुति
कार्यक्रम का मंच संचालन बीएससी तृतीय वर्ष के स्वयंसेवक बिम्बाधर नागेश ने प्रभावी शैली में किया।
इसी क्रम में लोकेश दुर्गा (बीएससी तृतीय वर्ष) ने गुरु-शिष्य परंपरा पर एक अत्यंत प्रेरणादायक प्रसंग प्रस्तुत किया, जिसने उपस्थित जनों को भावविभोर कर दिया।
सम्मानित शिक्षक अतिथि
इस गरिमामयी अवसर पर जिन शिक्षकों को आमंत्रित कर सम्मानित किया गया, वे हैं:
श्री तिलोचन्द दास कश्यप (सेवानिवृत्त शिक्षक, गोहरापदर)
श्री भगवानो राम पांडे (पूर्व माध्यमिक शाला, गोहरापदर)
श्रीमती ललिता तिवारी (पूर्व माध्यमिक शाला, गोहरापदर)
श्री मोतीलाल दुर्गा (पूर्व माध्यमिक शाला, साल्हेभाटा)
श्री रूपेश्वर कश्यप (प्राथमिक शाला, भालू डिग्गी)
श्री विद्याधर जगत (प्रधान पाठक, प्राथमिक शाला, डूमरपीटा)
श्री सुरेश यादव (सहायक शिक्षक, प्राथमिक शाला, गोहरापदर)
इन सभी गुरुजनों ने अपने अनुभव साझा करते हुए गुरु-शिष्य संबंधों की महत्ता पर प्रकाश डाला और छात्रों को आशीर्वचन प्रदान किए।
महत्वपूर्ण वक्तव्य
कार्यक्रम अधिकारी श्री सनत कुमार ने व्यास पूजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि “महर्षि वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ माह की पूर्णिमा को हुआ था। उन्हीं की स्मृति में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। यह पर्व गुरु के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता प्रकट करने का अनुपम अवसर होता है।”
उपस्थित गणमान्य एवं सहभागी
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के स्टाफ एवं कर्मचारीगण की उपस्थिति विशेष रही: विवेक कुमार यादव (प्रयोगशाला तकनीशियन), वीरेंद्र कुमार नरेटी (सहायक ग्रेड-3), जे बी एस कर्मचारी – फाल्गुन सिंह नागेश, गोवर्धन सिंह बघेल, नवीन कुमार बघेल, मनमोहन प्रधान, गौरीशंकर मांझी सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी स्वयंसेवक छात्र-छात्राएं सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।
समापन
कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम अधिकारी श्री सनत कुमार द्वारा सभी शिक्षकों, अतिथियों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं के प्रति आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।
यह आयोजन केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि गुरुजनों के प्रति श्रद्धा, कृतज्ञता और प्रेरणा की जीवंत अभिव्यक्ति थी, जिसने छात्र-छात्राओं के हृदय में गुरु के प्रति आदर भाव को और सुदृढ़ किया।

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

इन्हे भी जरूर देखे

Must Read