पोला पर बाजार रहा गुलजार

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पोला पर बाजार रहा गुलजार

छुरा/गिधनी–:–अंचल में आज शनिवार को पोला त्योहार मनाया जाएगा।पोला पर्व छत्तीसगढ़ का पारंपरिक पर्व है,जो महिलाओं के लिए खास मायने रखता है। पोला पर्व को देखते हुए छुरा के बजरंग चौंक में रौनक रही।बाजार में मिट्टी से बने पोला,आटा चक्की, नंदी के दुकाने सजी हुई थी।जहां आसपास के ग्रामीणों ने खूब खरीददारी किया। दुकानदार जागेश्वरी पाड़े, रानी पाड़े ने बताया कि इस बार पोला,नंदी बैल,आटा चक्की की खूब बिक्री हुई।यह समान 100 से 170 रुपए तक बाजार में उपलब्ध है।विदित हो कि भाद्रमास के अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व खरीफ
फसल के द्वितीय चरण का कार्य निंदाई, कोड़ाई पूरा हो जाने तथा फसलों के बढ़ने की खुशी में किसानों द्वारा बैलों का पूजा-अर्चना कर कृतज्ञता दर्शाते हुए प्रेम भाव अर्पित करते हैं।वही महिलाएं मायका पहुंचकर पोला पटकने के रिवाज को पूरा करते हैं तथा अपने सहेलियों संग मिलकर प्रसन्नता व्यक्त करते हैं। विभिन्न पारंपरिक खेल, कबड्डी, खो खो, फुगड़ी, दौड़ आदि में भाग लेकर पारंपरिक खेलों का निर्वहन करते हैं।वही पोला पर्व पर प्रत्येक घरों में

छत्तीसगढ़ी व्यंजन

चौसेला, गुलगुला, भजिया, मुठिया, गुझिया, ठेठरी, खुरमी, सोंहारी, अरशा, सलोनी आदि व्यंजनों की महक रहती है।

पोला पर्व का महत्व:

पोला पर्व छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्व ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत लोकप्रिय है और इसका विशेष महत्व है। पोला पर्व के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में एकता और सौहार्द का वातावरण रहता है और लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं।

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