कसेकेरा में कबीर पंथी परिवार का बहिष्कार, मौत पर दावत–छुरा प्रेस क्लब में छलका दर्द

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छुरा/गिधनी–:–धार्मिक आस्था पर हमला और सामाजिक बहिष्कार का सनसनीखेज मामला गरियाबंद जिले के छुरा अंचल के कसेकेरा गाँव से सामने आया है।कबीर पंथ में विश्वास रखने वाले रायसिंह साहू के परिवार को गाँव के दबंगों ने समाज से पूरी तरह अलग-थलग कर दिया।परिवार ने शनिवार को छुरा प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर अपनी दर्द भरी दास्तान सुनाई।

बहिष्कार की कहानी प्रेस क्लब में सुनाई

परिवार का कहना है कि कबीर पंथ के आश्रमों में जाना और संगत करना ही उनका अपराध बना दिया गया। आरोपियों ने फरमान जारी कर दिया – “इनसे कोई हुक्का-पानी नहीं करेगा, न खेत-खार, न लेन-देन।”

राय सिंह साहू को बार-बार ग्रामसभा में बुलाकर बेइज्जत किया गया। उनसे कहा गया – “अपने बेटों-बहुओं से नाता तोड़ो, वरना समाज से बाहर रहो।”
इस अपमान और तनाव से राय सिंह की असमय मौत हो गई।

मौत पर दावत का आरोप

प्रेस कॉन्फ्रेंस में परिवार ने यह भी खुलासा किया कि राय सिंह की मौत पर गाँव के दबंगों ने शोक व्यक्त करने के बजाय बकरा कटवाकर दावत उड़ाई और जश्न मनाया।
परिवार की मानें तो यह उनके जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा था।

जीना हो गया दुश्वार

परिवार ने बताया कि उन्हें खेती-बाड़ी करने, मजदूरी करने और यहाँ तक कि पौनी-पसारी से भी रोक दिया गया है।
“गाँव में जीना मुश्किल हो गया है, हमें इंसान नहीं समझा जा रहा।” – परिवार की यही पुकार रही।

प्रशासन पर सवाल

परिवार ने प्रेस क्लब में कहा कि वे कई बार थाना छुरा,पंचायत और जिला प्रशासन, पुलिस अधीक्षक तक गुहार लगा चुके हैं। कानूनी नोटिस भी भेजा गया,लेकिन आज तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
दबंग खुलेआम धमकियाँ दे रहे हैं और नए-नए प्रतिबंध थोप रहे हैं।

उठते हैं सवाल

क्या किसी धर्म और पंथ में आस्था रखना अपराध है क्या प्रशासन की चुप्पी दबंगों का हौसला नहीं बढ़ा रही गरियाबंद जिला प्रशासन कब देगा पीड़ित परिवार को न्याय।

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