विश्व खाद्य दिवस पर आईएसबीएम विश्वविद्यालय में रचनात्मक प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का आयोजन

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विश्व खाद्य दिवस पर आईएसबीएम विश्वविद्यालय में रचनात्मक प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का आयोजन

छुरा/गिधनी–:–विश्व खाद्य दिवस 2025 के अवसर पर आईएसबीएम विश्वविद्यालय में विज्ञान संकाय एवं विज्ञान क्लब के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर जागरूकता रैली, कैंपस कम्पोस्टिंग कार्यशाला तथा स्वस्थ भोजन प्रदर्शनी जैसी विविध गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनका उद्देश्य स्वस्थ आहार, खाद्य सुरक्षा एवं सतत खाद्य प्रणालियों के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना रहा।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रेरणादायक जागरूकता रैली से हुई, जिसे विश्वविद्यालय के कुलसचिव *डॉ. बी. पी. भोल* ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने “स्वस्थ आहार – स्वस्थ जीवन”, “हर बाइट में पोषण हो राइट” जैसे नारों और पोस्टरों के माध्यम से संतुलित आहार के महत्व पर संदेश दिया।

कुलसचिव डॉ. बी. पी. भोल ने अपने उद्बोधन में कहा, “आज के दौर में केवल भोजन की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह आवश्यक है कि भोजन स्वास्थ्यवर्धक, संतुलित और सुरक्षित हो। सतत खाद्य प्रणालियाँ न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती हैं।”

आईक्यूएसी निदेशक एवं अकादमिक अधिष्ठाता डॉ. एन. के. स्वामी ने कहा कि “विज्ञान और तकनीक के माध्यम से ऐसी खाद्य प्रणालियाँ विकसित की जा सकती हैं जो पोषण, स्थायित्व और जनसामान्य की आवश्यकताओं को पूरा करें।”

रैली के उपरांत विश्वविद्यालय सभागार में कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ हुआ। विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता *प्रो. पी. विश्वनाथन* ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि “भोजन केवल आवश्यकता नहीं, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के प्रति जिम्मेदारी है। विश्व खाद्य दिवस हमें पौष्टिक आहार के साथ-साथ टिकाऊ खाद्य प्रणालियों की ओर ध्यान देने की प्रेरणा देता है।”

छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. सुभाषिश विश्वास ने छात्रों को जंक फूड से दूरी बनाकर स्थानीय, मौसमी और पौष्टिक खाद्य पदार्थ अपनाने की सलाह दी। विज्ञान संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ. पूनम वर्मा ने कहा कि “स्वस्थ समाज की नींव संतुलित आहार पर टिकी होती है। भोजन की वैज्ञानिक, सामाजिक और पर्यावरणीय समझ हर छात्र के लिए आवश्यक है।”

कार्यक्रम के दौरान ‘कैंपस कम्पोस्टिंग’ पर कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें श्री लुकेश्वर साहू, सहायक प्राध्यापक, ने छात्रों को जैविक कचरे के पुनर्चक्रण और टिकाऊ खाद्य प्रबंधन की तकनीकें समझाईं। इसके बाद आयोजित ‘स्वस्थ भोजन प्रदर्शनी’ में छात्रों ने स्थानीय एवं जैविक खाद्य पदार्थों पर आधारित रचनात्मक झांकियाँ प्रस्तुत कीं। प्रदर्शनी में आगंतुकों को संतुलित आहार एवं पारंपरिक व्यंजनों के पोषण मूल्य की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम का समापन समन्वयक सुश्री रानू वर्मा, सहायक प्राध्यापक, के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजन समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया और ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों की निरंतरता पर बल दिया।

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