बसों में सुरक्षात्मक उपायों को लेकर आरटीओ ने ली बस ऑपरेटरों की बैठक” बसों में यात्रियों की सुरक्षा एवं वाहन दुर्घटनाओं को रोकने हेतु आवश्यक दिशा निर्देशों को पालन करने के दिए निर्देश

बसों में सुरक्षात्मक उपायों को लेकर आरटीओ ने ली बस ऑपरेटरों की बैठक” बसों में यात्रियों की सुरक्षा एवं वाहन दुर्घटनाओं को रोकने हेतु आवश्यक दिशा निर्देशों को पालन करने के दिए निर्देश

इन्हे भी जरूर देखे

“बसों में सुरक्षात्मक उपायों को लेकर आरटीओ ने ली बस ऑपरेटरों की बैठक”
बसों में यात्रियों की सुरक्षा एवं वाहन दुर्घटनाओं को रोकने हेतु आवश्यक दिशा निर्देशों को पालन करने के दिए निर्देश


इंदौर–: – ऑल इण्डिया परमिट से आच्छादित बसों में सुरक्षात्मक उपायों को लेकर गुरूवार को आर.टी.ओ. कार्यालय इन्दौर में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री प्रदीप शर्मा द्वारा बस ऑपरेटरों की बैठक ली गई। जिसमें ऑल इण्डिया परमिट से आच्छादित बसों के एसोसिएशन के पदाधिकारी श्री अरूण गुप्ता (हंस ट्रेवल्स), श्री हरिप्रकाश दुबे (इंटरसिटी ट्रेवल्स), श्री पवनदीप सिंह गांधी (रॉयल ट्रेवल्स), श्री विजेन्द्र सिंह चौहान (प्रवल ट्रेवल्स), श्री अमित गुप्ता (राजमंदिर ट्रेवल्स), श्री सिद्धार्थ खुराना (सिटीजन ट्रेवल्स) एवं अन्य ट्रेवल्स संचालक उपस्थित हुए। बैठक में सभी ट्रेवल्स संचालकों को बसों में यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से एवं वाहन दुर्घटनाओं को रोकने हेतु आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करने हेतु निर्देशित किया गया।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री शर्मा ने बस ऑपरेटरों को बताया कि मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 155 (क) के अनुसार शायिकाओं एवं गलियारों में पर्यात दूरी होना आवश्यक है । वाहन की बॉडी का निर्माण AIS-119 के प्रावधानों के अनुसार होना चाहिये । वाहन के दांयी ओर मध्य में बिना अवरोध के खुलने एवं बंद करने योग्य आपातकालीन द्वारा होना आवश्यक है। अग्नि सुरक्षा उपकरण आवश्यक रूप से मानकों के अनुरूप वाहन में संस्थापित होना अनिवार्य है। वाहन की खिडकियों के फ्रेम मानकों के अनुसार होना आवश्यक है। वाहनों में सामान रखने हेतु रैक मानकों के अनुसार होना चाहिये। विकलांग यात्रियों के लिये पर्याप्त प्रावधान सुनिश्चित करना जरूरी है। वाहनों में किसी भी प्रकार के ज्वलनशली पदार्थ का परिवहन किसी भी परिस्थिति में नहीं करना चाहिये। वाहन में VLTD, पैनिक बटन एवं स्पीड गवर्नर उपकरण अनिवार्य रूप से चालू हालत में होना चाहिये । वाहन में फर्स्ट एड बाक्स (मेडिकल किट जिसमें दवाईयों की अवसान तिथि समाप्त न हो) उपलब्ध होना चाहिये । वाहन चालक किसी भी प्रकार के नशे का आदी नहीं होना चाहिये । वाहन के टायर सुरक्षा मानकों के अनुरूप होना चाहिये ।
उपस्थित बस संचालकों द्वारा बसों का शहर में रूट निर्धारण करने का आग्रह किया गया। साथ ही अपनी समस्याएं बतायी गई। समस्याओं के निवारण हेतु बस संचालकों को आश्वासन दिया गया।

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

इन्हे भी जरूर देखे

Must Read