शासकीय नवीन महाविद्यालय गोहरापदर में वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में व्याख्यान एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन

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शासकीय नवीन महाविद्यालय गोहरापदर में वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में व्याख्यान एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन


गोहरापदर–:–शासकीय नवीन महाविद्यालय गोहरापदर में आज दिनांक 22 दिसंबर 2025 को, ‘वीर बाल दिवस’ (26 दिसंबर2025) के उपलक्ष्य में, राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तत्वावधान में, प्राचार्य डॉ. टी. एस. सोनवानी के निर्देशन एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी श्री सनत कुमार के मार्गदर्शन में व्याख्यान एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य सिखों के दशम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान, शौर्य एवं धर्मनिष्ठा को स्मरण करना रहा।


कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राध्यापकों के प्रेरक व्याख्यानों से हुई, जिनमें साहिबजादों के शौर्य एवं बलिदान पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।


इतिहास के अतिथि प्राध्यापक श्री देवदत्त ने साहिबजादों की शहादत पर ऐतिहासिक तथ्यों के माध्यम से प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने अत्याचार के समक्ष झुकने के बजाय धर्म एवं आत्मसम्मान की रक्षा को सर्वोपरि रखा।
वाणिज्य के अतिथि प्राध्यापक श्री मोहनीश बघेल ने साहिबजादों के बलिदान को वर्तमान परिप्रेक्ष्य से जोड़ते हुए युवाओं को नैतिक मूल्यों पर अडिग रहने की प्रेरणा दी।
अंग्रेजी की अतिथि प्राध्यापिका कु. यशिका नामदेव ने अपने वक्तव्य में साहिबजादों के त्याग को अनुशासन, साहस एवं कर्तव्यनिष्ठा का आदर्श बताया।
रसायन शास्त्र की अतिथि प्राध्यापिका कु. संगीता पटेल ने कहा कि साहिबजादों का बलिदान हमें सत्य के मार्ग पर अडिग रहने की सीख देता है।
प्राणीशास्त्र के अतिथि प्राध्यापक श्री दीनानाथ निराला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि साहिबजादों की वीरता आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
वनस्पति शास्त्र के अतिथि प्राध्यापक श्री पंकज तिवारी ने विद्यार्थियों को ऐसे ऐतिहासिक प्रसंगों से सीख लेकर जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संदेश दिया।
राजनीति विज्ञान के अतिथि प्राध्यापक डॉ रेवचंद दंता ने अपने वक्तव्य में कहा कि साहिबजादों का बलिदान केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक एवं राष्ट्रीय चेतना का भी प्रतीक है।
इसके पश्चात राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) कार्यक्रम अधिकारी श्री सनत कुमार ने वीर बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए साहिबजादों की शान, उनकी वीरता एवं अदम्य साहस का भावपूर्ण वर्णन किया। अपने व्याख्यान के दौरान उन्होंने कविता की कुछ पंक्तियाँ भी सुनाई।
इसके बाद हिंदी के सहायक प्राध्यापक श्री महेंद्र साहू ने अपनी ओजस्वी एवं भावपूर्ण शैली में दोनों छोटे साहिबजादों के शौर्य को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्राचार्य डॉ. टी. एस. सोनवानी ने कहा कि साहिबजादों का बलिदान विश्व इतिहास की अमर धरोहर है, जो हमें निडरता, साहस एवं आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देता है।
कार्यक्रम के प्रारंभिक चरण में विद्यार्थियों की भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें महाविद्यालय के कुल 18 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। विद्यार्थियों ने अपने भाषणों के माध्यम से साहिबजादों के बलिदान, देशभक्ति एवं नैतिक मूल्यों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
निर्णायकों के निर्णय अनुसार भाषण प्रतियोगिता का परिणाम इस प्रकार रहा –
प्रथम स्थान – मुस्कान बघेल (बी.एस.सी. तृतीय वर्ष)
द्वितीय स्थान – भाग्यश्री (बी.एस.सी. तृतीय वर्ष)
तृतीय स्थान – पानसिंह (बी.ए. तृतीय वर्ष)
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी श्री सनत कुमार द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ किया गया। उन्होंने सभी प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए ऐसे प्रेरणादायी आयोजनों की निरंतरता बनाए रखने पर बल दिया।
कार्यक्रम राष्ट्र, धर्म एवं मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पण की भावना के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

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