गरियाबंद-रमजान का 27वां रोजा जीशान रजा और अलफ़ीज़ा ढेबर ने महज छह साल में रखा अपना पहला रोजा

गरियाबंद-रमजान का 27वां रोजा जीशान रजा और अलफ़ीज़ा ढेबर ने महज छह साल में रखा अपना पहला रोजा

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✍️ “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” संपादक- विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

गरियाबंद-रमजान का 27वां रोजा जीशान रजा और अलफ़ीज़ा ढेबर ने महज छह साल में रखा अपना पहला रोजा

गरियाबंद-रमजान का मुबारक महीना शुरू होते ही क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल बन गया है शहर में रमजान को लेकर बच्चों में भी उत्साह नजर आ रहा है रमजान के महीने में छोटे-छोटे बच्चे भी रोजा रखकर खुदा की इबादत करने में पीछे नहीं हैं 23 मार्च की शाम से चांद देखने के बाद रमजानुल मुबारक का पवित्र महीना शुरु हो गया‌ आज रमजान का 27वा रोजा है कस्बे में 6 साल के जिशान रजा और 6 साल की अलफ़ीज़ा ढेबर ने इस बार अपना पहला रोजा रखा रमजान के इस पाक महीने की ओर अपने माता-पिता का रुझान, और आस्था देखते हुए बच्चों ने रोजा रखने की इच्छा जताई और रखा जिशान ने कहा कि वह पूरे महीने रोजे रखना चाहता है जिशान के बड़े पापा आसिफ़ मेमन नगरपालिका के सभापति ने उसके इस तरह की इबादत पर उसकी हौंसला अफजाई की बच्चे के रोजा से होने पर माता पिता काफी खुश दिखे वहीं पूरे परिवार के लोग रोजेदार बच्चे को दिन भर लार दुलार प्यार किया और पूरा परिवार काफी खुश दिखा परिवार के बुजुर्गों ने कहा इतने छोटे से बच्चे ने रोजा रखा, यह पूरे परिवार के लिए एक खुशी का पल है

शहर में बुधवार को 06 साल के दो बच्चों ने अपने ज़िंदगी का पहला रोज़ा 27वे रोजे के दिन रखा चावड़ा कालोनी के पास रहने वाले जींशान रजा और मस्जिद चौक के पास रहने वाले कांग्रेस कमेटी के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष आबिद ढेबर की 06 साल की बेटी अलफ़ीज़ा ढेबर ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा कक्षा 1 में पढ़ने वाले बालक जिशान रजा और अलफ़ीज़ा ढेबर ने आज 27वे रोजे के दिन अपना पहला रोजा रखा उसके पिता आबिद मेमन ने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव को बताया कि जिशान पिछले कई दिनों से रोजा रखने के बात कह रहा था। आखिरकार उसने तड़के उठकर अपनी अम्मी के साथ सेहरी कर रोजा रख लिया और जिशान ने नमाज भी पढ़ी शाम को पूरे परिवार के साथ बैठकर बच्चों ने रोजा इफ्तार किया। इस दौरान उसने खुदा की इबादत कर अमन-चेन की दुआएं की, वही अलफ़ीज़ा के पिता आबिद ढेबर ने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव को बताया ,अलफ़ीज़ा की ¨जिदगी का भी यह पहला रोजा है। तपती धूप की परवाह किए बिना नन्ही बच्ची ने रोजा रखा।अल्लाह और उसके रसूल की रजा हासिल करने के लिए भूख और प्यास की शिद्दत बर्दाश्त की। रोजा रखने के साथ साथ अलफ़ीज़ा ने अपने वालिद के साथ नमाज भी अदा की। खुदा की खुशनूदी हासिल करने के लिए भीषण गर्मी में भूख और प्यास को बर्दाश्त किया। अलफ़ीज़ा के पहला रोजा रखने पर घर में खुशी का माहौल रहा।

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