गरियाबंद -83 साल की उम्र में दोनों आंखों से कमजोर बुजुर्ग भीख मांगने आज भी मजबूर 350 पेंशन से नहीं चल पाता घर शोभाराम विश्वकर्मा

गरियाबंद -83 साल की उम्र में दोनों आंखों से कमजोर बुजुर्ग भीख मांगने आज भी मजबूर 350 पेंशन से नहीं चल पाता घर शोभाराम विश्वकर्मा

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✍️ “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” संपादक- विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

गरियाबंद -83 साल की उम्र में दोनों आंखों से कमजोर बुजुर्ग भीख मांगने आज भी मजबूर

350 पेंशन से नहीं चल पाता घर शोभाराम विश्वकर्मा

छुरा- विकासखण्ड मुख्यालय से लगभग 2कि मी. दूरी से लगे ग्राम पंचायत हरदी के आश्रित ग्राम डांगन बाय के निवासी शोभाराम विश्वकर्मा जो दोनों आंखों से कमजोर हैं. अंत्योदय विशेष कमजोर समूह की श्रेणी में आते हैं उन्होंने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव को बताया कि हम लोग बहुत ही गरीब है ना ही हमारे पास कोई जमीन है मेरा एक बेटा था जो 8 माह पहले झटका आने की वजह से मृत्यु हो गया। भीख मांगना तो नहीं चाहता लेकिन मेरा मजबूरी है अपने पेट पालने के लिए मुझे मांगना पड़ता है दिखाई नहीं देने के बाद भी अपने गांव से छुरा नगर बड़ा मुश्किल से जा पाता हूं दुकान दुकान में जाकर अपने लिए मदद मांगता हूं तब जाकर अपनी जीवन जी रहा हूं।
उनकी बहू (45) वर्षीय बुधियारिंन ने प्रेस वार्तालाप पर बताया कि मैं और मेरा ससुर दोनों एक ही साथ रहते हैं मेरे पति की मृत्यु हो जाने के बाद हमारा घर की स्थिति काफी खराब हो चुकी है ना ही हमें भूमिहीन पैसा मिल पा रहा है और ना ही मुझे विधवा पेंशन घर में पानी की समस्या नल जल साधन भी नहीं होने से पानी के लिए भटकना पड़ता है पास में एक बोरिंग है लेकिन पानी अच्छे से नहीं निकल पाने से पानी की समस्याएं बढ़ती जा रहे हैं गरियाबंद जिले के इंडियन रेड क्रॉस संरक्षक सदस्य समाजसेवी मनोज पटेल पहुंचकर मदद करने का दिलाया भरोसा।

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