अमलीपदर में धुमधाम से निकला बाहुणा जात्रा प्रभु श्री जगन्नाथ गुंडीचा घर से श्री मंदिर प्रस्थान भक्तों का जनसैलाब

अमलीपदर में धुमधाम से निकला बाहुणा जात्रा प्रभु श्री जगन्नाथ गुंडीचा घर से श्री मंदिर प्रस्थान भक्तों का जनसैलाब

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✍️ “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” संपादक- विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

अमलीपदर में धुमधाम से निकला बाहुणा जात्रा प्रभु श्री जगन्नाथ गुंडीचा घर से श्री मंदिर प्रस्थान भक्तों का जनसैलाब

अमलीपदर ‌- गरियाबंद जिला के मैनपुर ब्लॉक अंतर्गत नवीन तहसील ग्राम अमलीपदर में धूमधाम से भगवान श्री जगन्नाथ की बाहुणा जात्रा निकली श्री गुंडिचा घर में विराजमान श्री बलभद्र माता सुभद्रा एवं श्री महाप्रभुजी आज बहुत धुमधाम से श्री मंदिर प्रस्थान किए आज प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में पंच ध्वनि के साथ भगवान श्री बलभद्र और बहन सुभद्रा एवं श्री जगन्नाथ जी कि पुजा प्रातः 7 बजे आरती किया गया और 10.बजे 56 महाभोग महाप्रभु को लगाया गया फिर समस्त ग्राम एवं आसपास के भक्त जन भगवान श्री जगन्नाथ जी के दर्शन करने हेतु श्रद्धालु का जनसैलाब पहुंच गया और बड़े ही भक्ती भाव से भगवान श्री जगन्नाथ जी की पुजा अर्चना की गई और यहां महाप्रभु जी के दर्शन हेतु श्रद्धालु दुर दुर से पहुंचे साय 4 बजे महाप्रभु बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नंदिघोष में रथ आरुण होकर श्री मंदिर के लिए प्रस्थान किए आस्था और श्रद्धा का केंद्र आज पुरी और बनी हुई थी जय श्री जगन्नाथ बोल कालिया के जयघोष के साथ सारा मौहल भक्ती मय बन गया सभी बच्चे बुजुर्ग एवं युवा सभी भगवान श्री जगन्नाथ जी के रथ के साथ भक्ती में नाचते गाते श्री मंदिर तक पहुंचे श्री मंदिर पहुंचने पर माता महालक्ष्मी जी महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी को मंदिर प्रवेश में रोक दिए जिससे महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी एवं माता महालक्ष्मी जी में घोर कलह हुआ अंत में महाबाहु हार मान गये तत्पश्चात महालक्ष्मी जी से हार मानने के पश्चात प्रभु श्री जगन्नाथ जी मंदिर में प्रवेश किए और तभी सभी भक्त जयघोष करते हुए कोई जगन्नाथ कहा तो कोई चकाडोला,कोई महाबाहु तो कोई बोल कालिया श्री जगन्नाथ मंदिर आचार्य पंडित रामानुज युवराज पांडे जी द्वारा बहुत ही सुन्दर तरीके से आयोजन पुरा हुआ आचार्य पंडित रामानुज युवराज पांडे जी ने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव को बताया की कल भगवान श्री जगन्नाथ जी देवशयनी एकादशी पर चातुर्मास के लिए विश्राम करेंगे जिसमें समस्त शुभ कर्म विवाह आदि नहीं किया जा सकता है अब आषाढ़ मास पुर्ण होते ही भगवान शिव का पावन पर्व सावन मास भी आरम्भ हो जाएगा जिससे भगवान शिव की पुजा अर्चना करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं सभी क्षेत्र के भक्तों को आचार्य पंडित रामानुज युवराज पांडे जी ने बाहुणा जात्रा की बहुत ही शुभकामनाएं दि एवं भगवान श्री जगन्नाथ जी से पूरे विश्व में मंगल की कामना की

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