विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी अपने विभाग के प्रति गंभीर नहीं है छुरा वन मंडल अधिकारी के आदेश को अनसुनी कर दी जाती है

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छुरा–:–वन परिक्षेत्र कार्यालय छुरा में लघु वनों उपज का यहां गोदाम सन 1996 97 में बनकर तैयार हुआ था जिसके बाद से यहां गोदाम में तेंदूपत्ता वा वनों से जुड़े सामग्री एवं आम जनता की निस्तारी के लिए लड़कियां रखी जाती है पर वर्तमान हालत में यह भवन जीर्ण स्थिति में पड़ा हुआ है ऊपर से 1 साल से इसमें गेट लगाने के लिए लोहे का बड़ा सा गेट लाकर रख दिया है पर एक वर्ष से ऊपर समय हो गया परिक्षेत्र अधिकारी छुरा के पास इतना भी समय नहीं है कि वह इसे इसकी जगह में लगा दिया जाय पड़े पड़े लोहे का गेट जंक लग रहा है।मौके पर पहुंचे पत्रिका संवाददाता पहुंचे और जब चौकीदार से पूछा तो चौकीदार ने बताया कि 1 साल से यह लोहे के गेट पड़ा है कई लोग आते हैं रात के अंधेरे में लकड़ियां भी उठा कर ले जाते होंगे गेट नहीं होने से परेशानी तो है।हालांकि हम लोग चौकीदारी करते हैं।पर क्या विभाग के अधिकारी वा कर्मचारी के पास ऐसा क्या मजबूरी है कि साल भर से पड़ा हुआ है। विभाग में इस कार्यालय को विभिन्न विकास कार्य के लिए बहुत सारे फंड मिलते हैं पर फंड का उपयोग कितना कहा होता है। ये तो सभी जानते हैं वही वन परिक्षेत्र अधिकारी के बारे में कहा जाता है कि वह निरीक्षण में नहीं निकलते अतिक्रमण और अवैध कटाई की भेंट चढ़ चुका पूरा वन परिक्षेत्र कार्यालय छुरा इन दिनों जिम्मेदार अधिकारी नहीं होने की वजह से केवल वेतन भोगी कर्मचारी और अधिकारी खाना पूर्ति कार्यों में लगा हुआ है वन्य जीव की सुरक्षा या वनों की अवैध कटाई यहां थमने का नाम नहीं ले रहा है वर्तमान में मौजूद रेंजर साहब को जब भी जानकारी लेने फोन लगाया जाता है तो कभी भी वह फोन रिसीव नहीं करते न हीं मैसेज का जवाब देते हैं ऐसे में जानकारी हेतु कुछ जरूरत पड़ जाए तो कैसे मिलेगा विभाग के कार्यालय भी पहुंचने पर कभी कार्यालय में नहीं रहते हैं ना फोन रिसीव करते हैं इतने सालों के कार्यकाल में यह पहले रेंजर साहब है जो मौजूद नहीं रहते तथा लघु वनों उपज गोदाम और उसे पर रखी लकड़िया चोरों के भेंट चढ़ रही है ऐसे में नगर मुख्यालय से लगे गोदाम के यहां हालात है तो जंगल में जंगली जीवों और पेड़ पौधों का तो भगवान ही मालिक है। उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व तत्कालीन वन मंडल अधिकारी लक्ष्मण सिंह को स्थानी पत्रकारों ने तेंदूपत्ता गोदाम में विगत 5 वर्षों से पड़े लोहे के गेट के संबंध में अवगत कराए थे पत्रकारों ने अपने विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि गेट विगत 5 वर्षों से जंग खाते पड़ा हुआ है जिसके चलते चोरियां आए दिन होती रहती हैं इस सिलसिले में तत्कालीन वन मंडल अधिकारी लक्ष्मण सिंह ने वन परिक्षेत्रअधिकारी धीरेंद्र साहू को तत्काल 24 घंटे के अंदर गेट लगाने का आदेश पारित किया था जो गेट आज पर्यंत तक तेंदू पत्ता गोदाम में जंग खाते पड़ा हुआ है वन विभाग के अधिकारी अपने आला अफसर के बातों को कितना गंभीरता से लेते हैं या सर्वादित है आज वही सिलसिला देखने को मिल रहा है गेट अभी तक तेंदूपत्ता गोदाम में पड़ा हुआ है जिसके चलते इमारतीलकड़ी भारी मात्रा में रात्रि चोरी हो रही है जिसे देखने वाला कोई नहीं है बात यहां खत्म नहीं होती परिक्षेत्र के अंतर्गत विभागीय सहायक पर क्षेत्र अधिकारियों के लिए शासकीय भवन बनाया गया है कितनी दुर्भाग्य का विषय है कि उन शासकीय भवनों में को भी अधिकारी कर्मचारी रात्रि को निवास नहीं करते हैं सभी लोग अपना निवास स्थान पूरा बनाए हुए हैं उदाहरण के तौर पर वन परिक्षेत्र ग्राम रसेला वन परी क्षेत्र ग्राम कोसमी वन पर क्षेत्र ग्राम अमेठी वन परी क्षेत्र ग्राम पेंड्रा वन पर क्षेत्र नागिन बाहरा विभागीय भवनो में निवास नहीं करते हैं जंगल को भगवान के भरोसे छोड़कर नगर में किराए या तो पर क्षेत्र अधिकारी प्रांगण के सामने भावनाओं में अपने बीवी बच्चों के साथ मजे करते हैं उक्त सारी बातें वन पर क्षेत्र एवं विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी क्यों करवाई नहीं करते हैं जो समझ से परे है इन विभागीय अधिकारियों के लापरवाही यो का का नतीजा जंगल के अंदर भू तस्करों ने ईट भट्ठे का अवैध रूप से स्थापना कर रखे हैं प्रतिवर्ष 50 लाख से ज्यादा इन जंगलों के अंदर ईट का निर्माण कर बाजारों में बेचा करते हैं जाहिर है कि इन भू तस्करो एवं विभागीयअधिकारियों के साठगांठ होने के कारण यह स्थिति विगत कई वर्षों से देखी जा रही है उक्त संबंध में जनप्रतिनिधि एवं क्षेत्री जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साधे हुए हैं

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