देवभोग-राशन की कमी, अब आरआरसी के तहत तहसीलदार करेंगे वसूली

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✍️”लोकहित 24न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव”संपादक- विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

 

देवभोग-राशन की कमी, अब आरआरसी के तहत तहसीलदार करेंगे वसूली

देवभोग- गरियाबंद जिले के 132 राशन दुकानों में 13 हजार 500 किवंटल राशन की कमी पाई गई है पहले जिले के 354 राशन दुकानों में यह कमी 17 हजार किवंटल था,इस दौरान तकनीकी समस्या के कारण खाद्यान की कमी प्रदर्शित हो रही थी, जिसमें त्रुटि सुधार की कार्रवाई की गई.. इस दौरान 222 राशन दुकानों में खाद्यान की कमी की समस्या दूर हो गई, जबकि अभी भी जिले के मैनपुर ब्लॉक के 70 उचित मूल्य की दुकान, देवभोग के 54 दुकान और छुरा के 8 दुकानों में ऑनलाइन रिकॉर्ड के मुताबिक राशन दुकानों में राशन नहीं दिख रहा है.. मामले की ज्यादा जानकारी देते हुए जिले के खाद्य अधिकारी सुधीर गुरु ने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव को बताया कि शासन से निर्देश प्राप्त हुआ था कि जिले के सभी राशन दुकानों के स्टॉक का भौतिक सत्यापन करना है..इसी आधार पर टीम बनाकर ऑनलाइन रिकॉर्ड के मुताबिक जिले के सभी ब्लॉक के राशन दुकानों के स्टॉक का भौतिक सत्यापन करवाया गया।

श्री गुरु ने प्रेस वार्तालाप पर आगे यह भी बताया कि शुरुआत में यह कमी जिले के 354 राशन दुकानों में 17 हजार क्विंटल था, इस दौरान तकनीकी समस्या के कारण खाद्यान की कमी दिख भी रहा था, ज़ब इसमें त्रुटि सुधार की कार्रवाई की गई, तो 222 दुकानों में खाद्यान की कमी दूर हो गई.. जबकि 132 राशन दुकानों में अभी भी 13 हजार 500 किवंटल की कमी पाई गई है इन सभी राशन दुकान के संचालकों से वसूली की कार्रवाई के लिए आरआरसी के तहत पत्र तहसीलदार को भेजा गया है, तहसीलदार इसमें आरआरसी के तहत वसूली करेंगे…जिला खाद्य अधिकारी ने प्रेस वार्तालाप पर आगे और यह भी बताया कि भौतिक सत्यापन में कम पाए गए राशन की अनुमानित क़ीमत लगभग 3 करोड़ रूपये के आसपास है..

त्रुटि के कारण दिख रहा बकाया-: छत्तीसगढ़ राशन दुकान कल्याण संघ के जिला मीडिया प्रभारी और देवभोग ब्लॉक अध्यक्ष सचिन टांडिया ने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव को बताया कि एनआईसी के डाटाबेस में जो बकाया दिख रहा है, वह त्रुटिपूर्ण है. सचिन के मुताबिक शासन ने जो भौतिक सत्यापन करवाया है, उसके मुताबिक हमारे राशन दुकानों में ऑनलाइन के मुताबिक राशन की कमी है. यदि हमारे दुकानों में वर्ष 2016 से अब तक राशन की कमी थी, तो हर महीने हमें आबंटन कैसे मिलता रहा. हमने सभी हितग्राहियों को राशन दिया है. इसके बावजूद एनआईसी के डाटा बेस में बकाया दिख रहा है.. सचिन ने प्रेस वार्तालाप पर आगे यह भी बताया कि 2016-17 में ज़ब हम इस क्षेत्र में राशन वितरण का काम करते थे, इस दौरान यहां सिर्फ 2जी नेटवर्क की व्यवस्था थी, वो भी ब्लॉक के सीमित क्षेत्र तक. हम उस दौरान चांवल का ऑफलाइन वितरण करते थे और ज़ब अपलोड करने की बारी आती थी, तो हम ओड़िसा जाकर बड़े मुश्किलों के बीच अपलोड किया करते थे.. इतना करने के बाद भी सारा दोष विक्रेताओं पर मढ़ा जा रहा है. हम इस कार्रवाई का विरोध करते है. जल्द ही हम न्याय के लिए कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे.

मामले में तहसीलदार जयंत पटले ने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव को बताया कि प्रकरण दर्ज़ कर लिया गया है, जल्द ही वसूली की कार्रवाई शुरू करेंगे

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