सरायपाली-उठ गया सर से पिता का साया फिर भी नहीं छोड़ा संघर्ष करना, करता रहा समाजसेवा

सरायपाली-उठ गया सर से पिता का साया फिर भी नहीं छोड़ा संघर्ष करना, करता रहा समाजसेवा

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✍️ “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव “संपादक- विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

*सरायपाली-उठ गया सर से पिता का साया फिर भी नहीं छोड़ा संघर्ष करना, करता रहा समाजसेवा*

*सरायपाली (छत्तीसगढ़).* कहानी उस जुनूनी युवा जो अभी क्षेत्र का यूथ आइकॉन है नाम है पुरूषोत्तम प्रधान जो हमेशा लोगों की निस्वार्थ भाव से जितना उनसे संभव हो मदद करते हैं इसलिए लोग अपनी तरह-तरह की समस्या लेकर फोन करते हैं, जिन्होंने आज से दस वर्ष पहले ब्लड के ज़रूरतमंद मरीजों की परेशानियों एवं अप्रिय घटनाओं को देखकर सन् 2013 में निःशुल्क रक्तदान को लेकर काम करने वाली रक्तदान सेवा समिति, छत्तीसगढ़ का स्थापना किया, उस समय लोगों का रक्तदान करने में रुचि अभी के अपेक्षा कम था, जिस कारण समिति को संचालित करने में बाधाएं और परेशानियों का सामना पड़ा था लेकिन धीरे-धीरे समिति में लोग जुड़ने लगे, रक्तदान के प्रति जागरूक बढ़ी, रक्तदान सेवा समिति के व्दारा रक्तदान के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाया गया, लोगों की विश्वास रक्तदान सेवा समिति पर बढ़ता गया, आज स्थिति यह है कि सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश में यह समिति निःशुल्क रक्तदान को लेकर काम कर रहीं हैं, छत्तीसगढ़ राज्य में कहीं भी ब्लड की आवश्यकता होती है तो ब्लड के ज़रूरतमंद रक्तदान सेवा समिति के नम्बरों पर सम्पर्क कर निःशुल्क ब्लड अथवा रक्तदाता का लाभ लें रहें हैं, यह समिति अभी तक सम्पर्क छत्तीसगढ़ 83619 लोगों को निःशुल्क ब्लड अथवा रक्तदाता उपलब्ध करा चुकी है, छत्तीसगढ़ के सभी ब्लाकों में रक्तदान सेवा समिति के संचालक नियुक्त हैं और वाल, सोशल मीडिया पोस्टर, फ्लेक्स के माध्यम से समिति का प्रचार-प्रसार है जिसमें समिति संचालकों का नम्बर है जिसमें ब्लड के ज़रूरतमंद मरीज़ सम्पर्क कर सकते हैं, रक्तदान सेवा समिति के फेसबुक पेज, फेसबुक ग्रुप, इंस्टाग्राम, ट्विटर, वेवसाईट, 124 व्हाट्सऐप ग्रुप बनें हैं इसी के माध्यम से पूरे छत्तीसगढ़ में ज़रूरतमंद मरीजों तक निःशुल्क ब्लड अथवा रक्तदाता पहुंचाते हैं, इस समिति के निर्माण करने वाले युवा समाजसेवक पुरूषोत्तम प्रधान सरायपाली (महासमुन्द) शहर के रहने वाले हैं, रक्तदान सेवा समिति के अलावा पुरूषोत्तम प्रधान सभी क्षेत्रों में लोगों की जितना उनके व्दारा संभव हो मदद करते हैं, पुरूषोत्तम प्रधान के पास तरह-तरह के समस्याओं के फोन आते जितना हो सके वह लोगों की निस्वार्थ और निःशुल्क रूप से मदद करते हैं, यह युवा बचपन से ही समाजसेवा करने एवं परोपकारी रहा है, पुरूषोत्तम प्रधान के पिता का स्वर्गवास हो गया फिर वह समाजसेवा और लोगों की मदद करने के रास्ते से विचलित नहीं हुए, इसी मदद करने के कारणों से फेसबुक, इंस्टाग्राम में लोग फॉलो करते हैं, अपने गृह जिले का सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध युवा समाजसेवक है, जिले में पुरूषोत्तम प्रधान को उनके काम के कारण प्रायः सब जानते हैं, पूर्व में यह निःशुल्क कोचिंग सेंटर भी चला रहें थे, पुरूषोत्तम प्रधान अपनी समाजसेवक के दिशा में बहुत लोगों की निस्वार्थ भाव से मदद किए है और इस दिशा में उन्हें अनेक प्रकार की परेशानियां एवं संघर्ष करना पड़ता है फिर लोगों के मदद करने में पीछे नहीं हटते हैं, उन्हीं कार्यों के कारण अनेक सम्मान और पुरस्कृत किया भी जा चुका है, पुरूषोत्तम प्रधान पेशे से जेल पुलिस में है, वर्दीधारी के प्रति लोगों की मानसिकता बदलने और सकारात्मक छवि बनाने और लोगों से जुड़कर आत्मीयता भाव बनाने के लिए भरसक प्रयास भी कर रहे हैं, यह युवाओं को समाजसेवा से प्रेरित करने के लिए अपने फेसबुक पेज और अन्य सोशल मीडिया साइट्स के माध्यम से जनसेवा प्रेरणा संदेश जैसे विडियो ,लेख, आर्टिकल देते रहते हैं जो समाज में एक सकारात्मक ऊर्जा मिलता है , समाज में सकारात्मक संदेश के नाम पर युवा वर्ग इनके पेज पोस्ट को बहुत फॉलो करते हैं एवं युवाओं को सोशल मीडिया साइट्स का सदुपयोग अर्थात् सोशल मीडिया का उपयोग समाजसेवा एवं सकारात्मक दिशा में करने का अपील भी करते हैं।

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