स्व माना आत्मा,तंत्र माना शक्ति से मिली आजादी का नाम स्वतंत्रता दिवस है नीलकंठ।

स्व माना आत्मा,तंत्र माना शक्ति से मिली आजादी का नाम स्वतंत्रता दिवस है नीलकंठ।

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✍️ “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव”प्रधान संपादक – सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

स्व माना आत्मा,तंत्र माना शक्ति से मिली आजादी का नाम स्वतंत्रता दिवस है नीलकंठ।

छुरा।ब्लाक मुख्यालय छुरा से समस्त महज़ पूर्व दिशा में स्थित प्रा.मा.शाला व पंचायत ग्राम टेंगनाबासा में आजादी के अमृत महोत्सव को 76 वाँ वर्ष गांठ को 77वाँ जन्म दिवस को आजादी के प्रथम महपर्व को स्वतंत्रता दिवस के रुप में बड़े ही हर्षोल्लास मनाया गया 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय जनपद सदस्य व छ ग सर्व आदिवासी नेता नीलकंठ सिंह ठाकुर थे। अध्यक्षता सरपंच राजकुमारी ध्रुव ने किया विशेष अतिथि बतौर उपसरपंच मोहेन्द्र कुमार सिन्हा, गंगा राम ध्रुव,हरि सिन्हा, माध्यमिक शाला टेंगनाबासा के प्रधान पाठंक भगवान सिंह ध्रुव प्रमुख रुप से उपस्थित थे।भारत माता तिरंगा झंडारोहण के पश्चात मार्च पास्त कर प्रभात भेरी निकली गयी।वही वन समिति केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष चमार सिंह ठाकुर व जिला वनोपज प्रतिनिधि नीलकंठ सिंह ठाकुर के द्वारा संयुक्त रुप से ध्वजारोहण किया गया।तत पश्चात शाला परिसर में आँगन बाड़ी,प्राथमिक,माध्यमिक शालाओ के नन्हे-मुन्ने बच्चों के द्वारा गीत,कविता,भाषण के साथ रिकार्डिंग डालास, देशभक्ति के गीतों साथ आकर्षक प्रस्तुति दी गयी।ग्राम के वरिष्ठ महिला लता मिश्रा ने स्व हस्त लिखित देश भक्ति कविता को पढ़ना सुनाया गया।मुख्य अतिथि नीलकंठ सिंह ठाकुर ने आजादी की महापर्व के बधाई देते हुए कहा कि आजादी तो 15 अगस्त 1947 को मिली है पर इसकी बिगुल 1857 की क्रांति मंगल पाण्डेय ने फूँक दी थी।अखण्ड भारत में हम सभी भारत वर्ष के निवासी के रुप में जाने पहचाते थे।14 अगस्त 1947 केबाद भारत के टुकडे हुए जिसमे भारत,पाकिस्तान,नेपाल, बंगलादेश जैसे अनेक देश बना। पहले भारत वर्ष 662 राजा रियासते थी जिसमे 552रियासते ब्रिटिश हुकूमत के चंगुल में फंसे हुए थे। मात्र सौ रियासते अंग्रेज ब्रिटिश हुकूमत के विरोध में थे जिसके कारण आज हमे आज आजादी मिली है।जिसे आज स्वतंत्रता दिवस के रूप में मना रहे। स्वतंत्रता दो बेटों के मेल से बना है।स्व माना आत्मा।तंत्र माना शक्ति।अर्थात कायर,बुजदिलो से नही।रण ब्यूरों,साहसी,आत्म संयमीयो के विश्वविद्यालय से मिली आजादी के नाम स्वतंत्रता दिवस है।कार्यक्रम में सभी आँगन बाड़ी कार्यकर्ता,सहायिका,समुह कार्यकर्ता,मितानीन के साथ स्कूल के बालक,पालक व चालक व ग्रमीणजन बडी़ संख्या में उपस्थित थे।

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