ग्राम मोटरापारा में बड़े धूम धाम से मनाया गया नवाखाई पर्व ग्राम के देवी देवताओं को पूजा अर्चना कर जश्न मनाया गया।

ग्राम मोटरापारा में बड़े धूम धाम से मनाया गया नवाखाई पर्व ग्राम के देवी देवताओं को पूजा अर्चना कर जश्न मनाया गया।

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✍️ “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक – सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

ग्राम मोटरापारा में बड़े धूम धाम से मनाया गया नवाखाई पर्व ग्राम के देवी देवताओं को पूजा अर्चना कर जश्न मनाया गया।

गरियाबंद → जनपद पंचायत देवभोग के अंतर्गत आने वाला ग्राम मोटरापारा में बड़े धूम धाम से मनाया गया नवाखाई पर्व ग्राम के देवी देवताओं को पूजा अर्चना कर नया धान का चिवड़ा खाया गया आपको बता दें कि यह एक पारंपरिक त्यौहार है इस त्यौहार पर मुख्य रूप से नए धान को कूट कर चिवड़ा बनाया जाता है और पूजा स्थल में अर्पित कर प्रसाद के रूप ग्रहण किया जाता है, बच्चे से लेकर बुजुर्गो तक को यह त्यौहार का सालो से इंतजार रहता है।
यह त्यौहार में नए – नए कपड़े पहने जाते हैं और बड़े बुजुर्गो को पांव छू कर आशीर्वाद लिया जाता है।
इस त्यौहार को खुशियों का त्यौहार भी माना जाता है।
धान का कटोरा कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ अपनी परम्पराओं को लेकर जाना जाता है। इस के उत्सव, पर्व खेती पर आधारित होते है। धान की रोपाई से लेकर फसल कटने तक यहाँ के किसान विभिन्न प्रकार के सामूहिक उत्सव और पर्व मनाते हैं।
जैसे कि धान रोपाई के समय छत्तीसगढ़ में आदिवासी क्षेत्रों में बीज पंडुम मनाया जाता है आम की पहली फसल खाने के पूर्व मरका पंडुम ठीक वैसे ही खेती किसानी में धान की फसल में बालियां आना शुरू हो जाता है तब किसान इस उत्सव को नवा खाई पर्व के रूप में मनाते हैं धान की नई बाली को अपने इष्ट देवताओं में अर्पित कर परिवार के लोग उस नये अनाज को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।

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