रोजगार गारंटी में महिलाएं सिर पर मिट्टी की टोकरी व पुरूषों ने अपने हाथों में गैंती से जो बंजर कड़कदार भूमि को फाड़ने में खून पसीना खूब बहाया हुआ़ परिश्रम राशि खाते में जमा नही होने पर सभी ग्रामीण मजदूर हुए नाराज

रोजगार गारंटी में महिलाएं सिर पर मिट्टी की टोकरी व पुरूषों ने अपने हाथों में गैंती से जो बंजर कड़कदार भूमि को फाड़ने में खून पसीना खूब बहाया हुआ़ परिश्रम राशि खाते में जमा नही होने पर सभी ग्रामीण मजदूर हुए नाराज

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✍🏻 “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक– सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

रोजगार गारंटी में महिलाएं सिर पर मिट्टी की टोकरी व पुरूषों ने अपने हाथों में गैंती से जो बंजर कड़कदार भूमि को फाड़ने में खून पसीना खूब बहाया हुआ़
परिश्रम राशि खाते में जमा नही होने पर सभी ग्रामीण मजदूर हुए नाराज़

गरियाबंद –:- देवभोग विकास खण्ड में बीते कुछ दिनों बाद प्रत्येक ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों का भूमि सुधार कार्य,मेड मरम्मत कार्य साथ में अन्य कार्य भी करवाया गया था। लेकिन आज दिन पर्यन्त तक रोजगार गारंटी योजना में काम किए गए मजदूरों का परिश्रमिक राशि खाते में जमा नही हुई है । ग्रामीण मजदूरों का कहना है कि आज कल गांव अंचल में सबसे अधिक शादी विवाह व स्थानीय पर्व चलती रहती है। दूसरी बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ओर एक समस्या होने लगी है कि मौसम परिवर्तन होने की वजह से गांव के लोगों को अचानक सर्दी जुखाम व बुखार से पीड़ित हैं। चुकी प्रकृति में मौसम का रूख बदलाव आया है जैसे कि अचानक गर्मी व बारिश का गिरना जिसके कारण तापमान का अंसतुलन होना ही मनुष्य शरीर के लिए हानिकारक उत्पन्न होना है। गरीब लोगों को इलाज दवा करने के लिए कुछ रूपए की जरूरत होती है। रोजगार गारंटी में काम करने वाले गरीब मजदूर व्यक्ति अपने घरेलू कामकाज के लिए।किसी दूसरे व्यक्ति से उधार कर्ज लेकर घरेलू कार्य को पूर्ण किया जाता है।जब उधार चुकता करने की बारी आती है तो वह गरीब मजदूर व्यक्ति रोजगार गारंटी में काम करने चले जाते हैं। ओर रोजगार गारंटी कार्य का जमा राशि को निकाल कर उधार चुकता करते हैं। रोजगार गारंटी में काम किये गए लगभग एक दो महिना होने जा रहा है फिर भी आज दिन तक मजदूरों के खाते में पैसा जमा नही हुई है। ग्रामीण मजदूर बहुत परेशान हो रहे है। अभी गांव में अपने परिवारों व रिश्तेदारों के घरों में शादी विवाह चल रही है। ओर उस स्थिति पर यदि शादी विवाह में न जा सके तो
परिवार रिश्ता नाता मधुर संबंध एक बार में टूट जायेंगी ।
जहां मधुर संबंध जुड़ा हुआ है एक बार में सब समाप्त हो जायेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब व्यक्ति खून पसीना बहा कर खूब मेहनत मजदूरी करके अपने परिवारों को जीवन यापन करते हैं तथा छोटे- छोटे अपने घरों की जरूरतों को पूरा करते हैं। जब रोजगार गारंटी कार्य दिसंबर जनवरी माह में चली तो मजदूर व्यक्ति बड़ी आस लगाए हुए सिर में घमेला जो मिट्टी भराई हुई तथा पुरुषों के हाथों में गैंती जो कि बंजर भूमि कड़कदार जमीन को अपने हाथों से अलग – अलग करके खूब पसीना बहाया जाता है। इस तरह के मेहनत कसके किया गया परिश्रम की राशि नहीं मिलने से ग्रामीण जनता असंतुष्ट हैं।

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