बाल प्रतिभा को संवारने का अच्छा माध्यम समर कैंप – मतावले ग्रीष्मावकाश का सदुपयोग कर स्वावलंबन की शिक्षा पा रहे बच्चे

बाल प्रतिभा को संवारने का अच्छा माध्यम समर कैंप – मतावले ग्रीष्मावकाश का सदुपयोग कर स्वावलंबन की शिक्षा पा रहे बच्चे

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✍🏻”लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक –सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

बाल प्रतिभा को संवारने का अच्छा माध्यम समर कैंप – मतावले

ग्रीष्मावकाश का सदुपयोग कर स्वावलंबन की शिक्षा पा रहे बच्चे

छुरा(गिधनी)–:–विकासखंड शिक्षा अधिकारी के.एल. मतावले के निर्देशन में संकुल केंद्र छुरा अ एवं दुल्ला में समर कैंप आयोजित हुआ।ग्रीष्मावकाश का लाभ उठाकर शिक्षकों के द्वारा बच्चों की नैसर्गिक प्रतिभा को तराशने का कार्य किया जा रहा है।पूर्व माध्यमिक शाला पिपराही में चल रहे समर कैंप का औचक निरीक्षण विकासखंड शिक्षा अधिकारी के.एल.मतावले, संकुल समन्वयक रामलाल टांडे एवं शंकर लाल यदु द्वारा किया गया। विकासखंड शिक्षा अधिकारी मतावले द्वारा बच्चों को आसपास के पेड़ पौधों जैसे महुआ, पलाश, ख़मार, तेंदू के पत्तों, घर के वेस्ट से बेस्ट, मिट्टी के खिलौने, कागज के छोटे छोटे टुकड़ों से खेल एवं सजावटी सामग्री बनाने के टिप्स दिए। मतावले ने बच्चों को खाली समय का सदुपयोग करने की सीख दिए।घर में माता पिता के कामों में हाथ बटाने हेतु प्रेरित किए।समन्वयक रामलाल टांडे ने लोक संगीत की बारीकियों से अवगत कराया। गायन,वादन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। गीत रचना में लघु, गुरु, शब्दों के मर्यादा, साम्यता, मूल तत्व को सरल तरीके से लयबद्ध करने की शिक्षा प्रदान किए। अपने आसपास के घटनाक्रम को शब्दों में पिरोकर गद्य,पद्य रचना हेतु फोकस किए। समन्वयक शंकर लाल यदु ने योग के माध्यम से स्वस्थ रहने की कला सिखाई।मोबाईल के दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए मोबाईल के कम से कम उपयोग की सलाह दिए।बच्चों में बढ़ रहे चिड़चिड़ापन,तनाव आदि मानसिक विकारों हेतु नियमित रूप से ध्यान करने एवं प्रेरक पुस्तक वाचन करने हेतु प्रोत्साहित किए। शास. पूर्व माध्यमिक शाला पिपराही के नवाचारी शिक्षक रोहित नेताम, विभा चंद्राकर एवं पूर्व माध्यमिक शाला भैंसामुड़ा के शिक्षक संदीप चंद्राकर, पूनम चंद्राकर द्वारा बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा, विज्ञान नाटिका, नृत्य आदि का अभ्यास कराया जा रहा है। मिट्टी के खिलौने, चित्रकला, कैम्प क्रॉफ्ट, पलाश के पत्तों से दोना, पत्तल, छिंद पत्तों से तोरन, झालर, झूमर आदि, साहित्य के क्षेत्र में विकास हेतु वादविवाद, प्रश्न मंच तैयार कर बालमन को प्रोत्साहित करने हेतु विविध गतिविधिया की जा रही है। इसी तरह प्राथमिक शाला भरूवामुड़ा में भी प्रधानपाठक फलेंद्र ठाकुर और योगेश्वरी सेवई का मेहनत रंग ला रहा है। पुराने कागजों को कटिंग कर फुल, आकर्षक सजावटी समान, कप प्लेट आदि बनाना सीखा रहे हैं। रस्सी के उपयोग भी सीखा रहे हैं। इस दौरान पूर्व माध्यमिक शाला पिपराही के शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष कृष्णा पटेल, प्राथमिक शाला के अध्यक्ष खेमू साहू, वरिष्ठ नागरिक संतन सिंह ठाकुर, विश्राम गंधर्व, संतोष नेताम, सोमन राम, केशरी कंवर उपस्थित रहे। शिक्षक रामसाय टांडे, पूनम चंद्राकर, संदीप चंद्राकर, अर्जुन धनंजय सिन्हा द्वारा भी बच्चों को जीवनोपयोगी महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए।

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