मणिपुर हिंसा पर पूर्व सेना प्रमुख नरवणे बोले- विद्रोहियों को मिल रही बाहरी मदद

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✍️ “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक- सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

मणिपुर हिंसा पर पूर्व सेना प्रमुख नरवणे बोले- विद्रोहियों को मिल रही बाहरी मदद

नई फ़िलहाल। पूर्व सेना के प्रमुख जनरल एम एम नरवणे का कहना है कि विदेशी शहजादे की साजिश में की गई नक्सली हिंसा को खारिज नहीं किया जा सकता। जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे ने कहा कि बजट देश में समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने चीन (चीन) की ओर से दी जा रही सहायता के विभिन्न विद्रोही समर्थकों का भी उल्लेख किया। समूहों में कुकी जेजेपी समूह और बहुसंख्यक मैतेई लोगों के बीच के स्टेशनों को दिए जाने वाले आर्थिक लाभ और कोटा साझा करने को लेकर हिंसा भड़कने के लगभग तीन महीने बाद, संघर्ष समाप्त होने के बहुत कम संकेत हैं।

पूर्व सेना प्रमुखों ने यहां इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत’ विषय पर एक चर्चा के दौरान व्याख्यान जारी कर हिंसा को लेकर साथियों के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही। जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे ने कहा, “मुझे विश्वास है कि जो लोग सत्ता में हैं और जो भी कार्य करना चाहते हैं, वे करने के लिए जिम्मेदार हैं, वे अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं।” मैं कहता हूं कि इसमें केवल विदेशी विचारधारा वाले कलाकारों को शामिल नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं निश्चित रूप से विभिन्न विद्रोही विचारधाराओं को मिल रही चीनी सहायता के रूप में शामिल कर सकता हूं।” पूर्व सेना प्रमुखों ने कहा कि चीन कई वर्षों से विद्रोही विचारधारा की मदद कर रहा है और अब भी ऐसा जारी है।

सामूहिक जनजाति जनजातियों में मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को ‘आदिवासी एकता मार्च’ का आयोजन किया गया, जिसके दौरान हिंसा भड़कने के बाद राज्य में अब तक 160 से अधिक लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। हुए हैं. राज्य में मेइती समुदाय की जनसंख्या करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नागा और कुकी आदिवासियों की जनसंख्या 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय आबादियों में रहते हैं।

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