कुमारी उर्मिला यादव नि:शक्त पेंशन के लिए शासन- प्रशासन को लगी रही है गुहार

कुमारी उर्मिला यादव नि:शक्त पेंशन के लिए शासन- प्रशासन को लगी रही है गुहार

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✍️ “लोकहित 24 न्यूज़ एक्सप्रेस लाइव” प्रधान संपादक– सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

कुमारी उर्मिला यादव नि:शक्त पेंशन के लिए शासन- प्रशासन को लगी रही है गुहार

गरियाबंद – केंदूवन में निवासरत कुमारी उर्मिला यादव पिता श्री – कोमर्रा यादव जाति रावत उम्र 20 वर्ष की है। निशक्त कुमारी उर्मिला कि गरीब पिता कोमर्रा यादव का कहना है, कि उर्मिला अपनी मां की पेट से ही नि:शक्त जन्मजात हुई । मैं बहुत गरीब व्यक्ति हूं दूसरे के घरों में कुली मज़दूरी करके परिवारों को पालन पोषण कर रहा हूं। मेरा पुत्री बचपन से ही नि:शक्त की अवस्था में जीवन गुजार रही हैं। इनकी देखभाल बुढ़ी मां करती है। नि:शक्त होने के कारण इधर उधर चल नहीं पा रही है। उनकी सारी सुविधाएं घर परिजनों के द्वारा ही देख रेख करना पड़ता है।इन नि:शक्तता के कारण उर्मिला स्कूल में दाखिल नहीं हो पाई है। यदि स्कूल में पढ़ने के लिए भर्ती कराया जाता है तो एक व्यक्ति को उसकी देखरेख करने के लिए एक व्यक्ति को साथ में रहना पड़ेगा। इसी कारण वह स्कूल में भी दाखिल नहीं हो सकी। धीरे धीरे इनकी भी उम्र बढ़ती चली आ रही है। मैंने उम्र दराज को देख कर जिला मेडिकल बोर्ड गरियाबंद से नि:शक्त प्रमाण पत्र के लिए शिविरों में समस्त दस्तावेज का छाया प्रतियां जमा किया।उसी के अनुरूप मेरे पुत्री उर्मिला को 17/7/2018 को जिला मेडिकल बोर्ड से नि:शक्त प्रमाण पत्र जारी कर और मुझे प्रदान किया गया है। सबसे पहले जिला मेडिकल बोर्ड गरियाबंद के परिक्षण तथा उपरोक्त के मद्देनजर उनकी समग्र स्थायी शारीरिक क्षति मार्गदर्शक सिद्धांत के अनुसार उर्मिला को 42% नि:शक्ता दर्शाया गया है। वास्तव में यह देखा जाए तो मेरे पुत्री को पेंशन देने के योग्य है। सामाजिक सुरक्षा कल्याण विभाग अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा भौतिक सत्यापन करने हेतु जमीनी स्तर पर नि:शक्त पीड़िता की घर में पहुंच कर वास्तविक स्थितियां का विवेचना किया जाए। यदि विकास खण्ड में इस उद्देश्य के प्रति पहल नहीं हुई तो , मुझे गरियाबंद जिला मुख्यालय में कलेक्टर साहब जी का दफ्तर पर खड़ा होना मजबूर होगा। इस लिए मैं आपके ऊपर भरोसा जताया हुआ बैठा हूं। परंतु मैं इंतजार करते – करते भी थक भी चुका हूं। सही वक्त पर सरकार कि योजनाओं का लाभ हम गरीबों को मिलना बहुत जरूरी है।जब वक्त गुजर जाता है तो, बड़ी कठिन परिस्थितियों से गुजरना आम आदमी के लिए आकाश और धरती का सफर कि तरह ही एहसास होता है।

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